Move to Jagran APP

तीसरा सत्र: उद्योग-कारोबार की स्थिति और संभावनाएं

जागरण विमर्श के तीसरे सत्र में उद्योग-कारोबार की स्थिति और संभावनाएं विषय पर जानकारों ने शनिवार को अपनी बात प्रभावी तरीके से रखी। इसमें 1970 के दशक में पूरब का मैनचेस्टर कहे जाने वाली औद्योगिक नगरी की ऊंचाइयों से लेकर इसके पराभव मौजूदा परिवेश में नए उद्यम स्थापित करने में आने वाली कठिनाइयों उद्योगों और व्यापार को बढ़ावा देने की संभावनाओं पर चर्चा हुई।

By JagranEdited By: Published: Sun, 17 Oct 2021 02:24 AM (IST)Updated: Sun, 17 Oct 2021 02:24 AM (IST)
तीसरा सत्र: उद्योग-कारोबार की स्थिति और संभावनाएं
तीसरा सत्र: उद्योग-कारोबार की स्थिति और संभावनाएं

राजकुमार श्रीवास्तव, प्रयागराज : जागरण विमर्श के तीसरे सत्र में उद्योग-कारोबार की स्थिति और संभावनाएं विषय पर जानकारों ने शनिवार को अपनी बात प्रभावी तरीके से रखी। इसमें 1970 के दशक में पूरब का मैनचेस्टर कहे जाने वाली औद्योगिक नगरी की ऊंचाइयों से लेकर इसके पराभव, मौजूदा परिवेश में नए उद्यम स्थापित करने में आने वाली कठिनाइयों, उद्योगों और व्यापार को बढ़ावा देने की संभावनाओं पर चर्चा हुई। जिले में बहुतायत मात्रा में पैदा होने वाले सिल्का सेंड से फिर से उद्योग का बाजार चमकाने की भी बात उठी। इससे कुटीर उद्योग से लेकर भारी उद्योग तक स्थापित किए जा सकते हैं। सिल्का सेंड को 'सफेद सोना' के नाम से भी जाना जाता है।

loksabha election banner

शहर उत्तरी के पूर्व विधायक अनुग्रह नारायण सिंह ने कोरोना की पहली लहर में सरकार द्वारा लगाए गए लाकडाउन का जिक्र करते हुए कहा कि सरकार ने कहा था कि महाभारत को 18 दिन में जीता गया था, इस महामारी को 21 दिनों में जीत लिया जाएगा।इसके लिए उद्यमियों से कामगारों को वेतन देने और मकान मालिकों से किराएदारों से किराया न लेने की अपील की गई। लेकिन, जब रोजगार और उत्पादन बंद हो गया तो वह वेतन कैसे देते। उद्यमी और व्यापारी तबाह हो गया। उन्होंने पब्लिक सेक्टर की कंपनियों बीपीसीएल, टीएसएल आदि को जान-बूझकर बंद करने की भी बात कहीं। कुछ फैक्ट्रियों को अपनी कमजोरियों और कुछ को बैंकों की वजह से भी बंद होना बताया।हालांकि, पूर्व विधायक ने सिल्का सेंड से कुटीर और भारी उद्योगों को विकसित किए जाने का सुझाव भी दिया। कहा कि इससे चूड़ी, सीसे आदि बनते हैं। फूड प्रोसेसिग की संभावनाओं पर भी उन्होंने जोर दिया। कहा कि यहां का अमरूद देश-दुनिया में मशहूर है। शिवगढ़ में कद्दू भी बड़े पैमाने पर होता है।

कंपनियों को बचाने की महती जिम्मेदारी शासन की

ईस्टर्न यूपी चैंबर आफ कामर्स एंड इंडस्ट्रीज के अध्यक्ष विनय टंडन ने कहा कि 1962 में नैनी में जब इंडस्ट्रियल स्टेट आया तो हर क्षेत्र की

इकाइयां लगीं। स्वदेशी काटन मिल, मेजा और मऊआइमा कताई मिलें, लिप्टन टी, एचसीएल, सायमंड्स जैसी कंपिनयों में लाखों लोगों को रोजगार मिले थे। शाम को बसों की भीड़ के कारण लोग नैनी की तरफ जाने से कतराते थे। लेकिन, धीरे-धीरे बड़ी इकाइयां बंद होती गईं। उन्होंने इसके लिए सभी को

जिम्मेदार ठहराया लेकिन, कहा कि कंपनियों को बचाने की महती जिम्मेदारी शासन की होती है।सरस्वती हाईटेक सिटी में औद्योगिक प्लाटों की कीमत अधिक होने और विभिन्न विभागों द्वारा अनापत्ति प्रमाण पत्र जारी करने में की जाने वाली अड़चनों से युवा उद्यमियों के सामने आने वाली परेशानियों का जिक्र भी उन्होंने किया। कहा कि इससे युवा उद्यमी आगे कैसे बढ़ सकेगा। औद्योगिक नीतियों के बनाने में औद्योगिक संगठनों की सहभागिता सुनिश्चित करने पर भी जोर दिया। कहा कि किसानों के बाद उद्यमी और व्यापारी सबसे ज्यादा रोजगार देते हैं। सरकार को इस तरफ विशेष ध्यान देना चाहिए।

अनुभव की कमी से फेल हुए उद्योग

वित्त सलाहकार (कास्ट एकाउंटेंट) डा. पवन जायसवाल ने नए मलेशिया की तरह प्रयागराज को स्थापित किए जाने की बात कहीं। उन्होंने उद्योगों के फेल होने की वजह अनुभव की कमी बताई। कहा कि उद्योग और व्यापार से जुड़े लोग कंसल्टेंट से संपर्क नहीं करते। नए क्षेत्र में कदम रखने के लिए कंसल्टेंट की सलाह बहुत अहम होती है। कारोबार में ईमानदारी पर बल देते हुए कहा कि हर सेवाओं की लागत उस सेवा केंद्र पर निर्धारित होना चाहिए।

खास बात-

- उत्पाद कौन सा चुन रहे और विविधता कहां से उभरकर आ पाती है, यह अहम बात है।

- कारोबारियों को सजग होना पड़ेगा। उन्हें अपनी बातें सरकार तक पहुंचानी होगी।

- डेडिकेटेड फ्रेट कारीडोर उद्योगों के विकास के लिए साबित होगा बेहद कारगर।

इन्हें किया गया सम्मानित

उद्यम के क्षेत्र में उद्यमी रमेश अंदानी, मूंज उत्पादन के लिए महेवा निवासी मो. अफसार और आंवला उत्पादन के लिए प्रतापगढ़ जिले सदर तहसील स्थित गोड़े गांव निवासी उद्यमी मनोज सिंह को सम्मानित किया गया।


Jagran.com अब whatsapp चैनल पर भी उपलब्ध है। आज ही फॉलो करें और पाएं महत्वपूर्ण खबरेंWhatsApp चैनल से जुड़ें
This website uses cookies or similar technologies to enhance your browsing experience and provide personalized recommendations. By continuing to use our website, you agree to our Privacy Policy and Cookie Policy.