इंदिरा व लोहिया आवास की अब सरकार को आई याद
जासं, कौशांबी : इंदिरा व प्रधानमंत्री आवास योजना शासन की ओर से बंद कर दी गई हैं। दोनों यो
जासं, कौशांबी : इंदिरा व प्रधानमंत्री आवास योजना शासन की ओर से बंद कर दी गई हैं। दोनों योजनाओं के हजारों पात्र ऐसे है जिनको शासन की ओर से योजना का लाभ दिया जाना था, लेकिन विभागीय अधिकारियों की रुचि न लेने के कारण उनके आवास अधूरे पड़े है। शासन की ओर से ऐसे आवासों के निर्माण का आदेश दिया गया है। जिसके बाद से विभागीय अधिकारियों ने पात्रों का ब्योरा तलाशना शुरू कर दिया है।
लोहिया आवास योजना वर्ष 2017 में बंद हो गई है। इस योजना के जिले में 72 ऐसे पात्र व्यक्ति हैं जिनको योजना का लाभ तो मिल चुका है, लेकिन विभागीय उपेक्षा के चलते उनको दूसरी और तीसरी किश्त नहीं मिली। जिसके कारण उनके आवास अब तक पूरे नहीं हो सके। स्थानीय स्तर उनको कर्मचारियों ने बता दिया कि योजना बंद हो चुकी है। जिसके बाद वह वह अधूरे निर्माण के साथ ही किसी तहर गुजर बसर कर रहे हैं। इसी प्रकार इंदिरा आवास योजना को शासन की ओर से वर्ष 2015-16 में बंद कर दिया गया। वर्ष 2011 से 2016 तक जिले में करीब 11 लोगों को इंदिरा आवास की प्रथम किश्त मिल चुकी है। उनको योजना बंद होने के बाद अब तक तीसरी किश्त नहीं मिली। आवास अब तक अधूरे पड़े हैं। पात्रों ने अधिकारियों से अधूरे आवास को पूरा कराने की मांग की तो उनको एक ही जवाब मिला की योजना तो बंद हो चुकी है। ऐसे लोगों की अब सरकार ने सुध ली है। ग्राम्य विकास विभाग के आयुक्त पार्थ सारथी सेन शर्मा ने पत्र भेजकर आवासों को पूर्ण न होने की जांच कराने व अपूर्ण आवासों को पूर्ण करा रिपोर्ट भेजने का निर्देश दिया है। शासन के पत्र को गंभीरता से लेते हुए सीडीओ की ओर से संबंधित विभाग को पत्र भेजकर ऐसे आवासों के संबंध में जानकारी मांगी है। साथ ही अधूरे आवासों को पूरा किए जाने के लिए धन दिए जाने की मांग का निर्देश दिया है।