कोरोना संक्रमण में कारगर दवाओं की मांग में उछाल, Prayagraj में कई दवाओंं की हो गई है किल्लत
एजिथ्रोमाइसिन एंटीबायोटिक दवा है। कोरोना का गले तक संक्रमण होने पर इस दवा को बहुत कारगर माना जा रहा है। आइवरमेक्टिन-12 एमजी दवा बैक्टीरिया को मारने में काफी प्रभावी है इसलिए इसकी डिमांड बेहद ज्यादा है। पैरासीटामॉल और विटामिन-सी दवाओं की भी अत्यधिक मांग है।
प्रयागराज, जेएनएन। कोरोना संक्रमण में कारगर दवाओं की मांग में उछाल आया है। इसके इलाज में प्रभावी दवाओं की बिक्री में करीब 200 से 500 गुना तक बढ़ोतरी हुई है। निर्यात पर प्रतिबंध लगने से कोरोना के लिए 'रामबाण इंजेक्शन की उपलब्धता भी बाजार में जल्द होने के आसार हैं।
बिक्री में 200 से 500 गुना तक होती जा रही वृद्धि
एजिथ्रोमाइसिन एंटीबायोटिक दवा है। कोरोना का गले तक संक्रमण होने पर इस दवा को बहुत कारगर माना जा रहा है। आइवरमेक्टिन-12 एमजी दवा बैक्टीरिया को मारने में काफी प्रभावी है, इसलिए इसकी डिमांड बेहद ज्यादा है। पैरासीटामॉल और विटामिन-सी दवाओं की भी अत्यधिक मांग है। वहीं, कोरोना इलाज में सबसे ज्यादा असरदार इंजेक्शन रेमडेसिविर और फेबी फ्लू दवा भी चार-छह दिनों में बाजार में उपलब्ध होने की संभावना बढ़ गई है, क्योंकि इस इंजेक्शन के निर्यात पर सरकार ने प्रतिबंध लगा दिया है। इलाहाबाद केमिस्ट एंड ड्रगिस्ट एसोसिएशन के अध्यक्ष अनिल दुबे का कहना है कि रेमडेसिविर इंजेक्शन और फेबी फ्लू दवा बाजार में उपलब्ध नहीं है। अन्य दवाओं की मांग में वृद्धि हुई है।
सैनिटाइजेशन को हर वार्ड में एक टीम
कोरोना मरीजों की संख्या में दिनों दिन बेतहाशा वृद्धि होने से सैनिटाइजेशन के लिए नगर निगम प्रशासन की जिम्मेदारी भी बढ़ गई है। इसके लिए प्रत्येक वार्ड में एक टीम बनाई गई है। सैनिटाइजेशन के लिए पांच छोटी और तीन बड़ी गाडिय़ां भी लगाई गई हैं। अफसरों द्वारा इसकी निगरानी के साथ इंटिग्रेटेड कमांड एंड कंट्रोल सेंटर से भी इसकी ऑनलाइन मॉनीटरिंंग हो रही है। चीफ सेनेटरी इंस्पेक्टर जितेंद्र गांधी का कहना है कि जितने भी कोरोना पॉजिटिव निकलते हैं, उस क्षेत्र के बाहरी हिस्सों में टीमें नियमित सेनिटाइजेशन करती हैं।