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¨सहपुर गांव का समुचित विकास न होने से लोगों को असुविधा

विकास खंड चायल के ¨सगपुर में दो हजार से अधिक आबादी है। वर्ष 1990 में गांव को ग्राम पंचायत का दर्जा मिला था।

By JagranEdited By: Published: Mon, 19 Nov 2018 11:00 AM (IST)Updated: Mon, 19 Nov 2018 11:00 AM (IST)
¨सहपुर गांव का समुचित विकास न होने से लोगों को असुविधा
¨सहपुर गांव का समुचित विकास न होने से लोगों को असुविधा

प्रयागराज : कौशांबी जनपद के विकास खंड चायल के ¨सहपुर गांव का आधा-अधूरा विकास कराया गया है। इसकी वजह से यहां पर रहने वाले लोगों को खासी परेशानियों का सामना करना पड़ता है। कुछ स्थानों पर नालियों का निर्माण नहीं कराया गया है। इसकी वजह रास्ते में लोगों के घरों का दूषित पानी भरा हुआ है। अधूरे शौचालय व झोपड़ी नुमा कच्चे घर वहां पर कराए गए विकास कार्यों की पोल खोल रहे हैं। ग्रामीणों ने समस्या के निराकरण की मांग जिम्मेदारों से की थी। इसके बाद भी ध्यान नहीं दिया गया।

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गांवों को विकसित कर वहां पर रहने के वाले लोगों को हर वाजिब सुविधा देने के लिए सरकार प्रयासरत है। गांवों का विकास कराने के लिए लाखों रुपये अवमुक्त भी किया गया है, लेकिन जिम्मेदारों की अनदेखी की वजह कुछ गांव बदहाली का शिकार हैं। इसका जीता-जागता नमूना रविवार को ग्राम पंचायत ¨सहपुर में देखा गया। सप्ताहिक कार्यक्रम के तहत दैनिक जागरण टीम गांव पहुंची तो ग्रामीणों ने समस्या बताई। आंधी की वजह से गांव के कई पोल व तार टूट गए हैं। इसकी वजह से गांव में बिजली की आपूíत नहीं हो रही है।

छात्र व छात्राओं को चिराग की रोशनी में पढ़ाई करनी पड़ती है। पेयजल की आपूíत करने के लिए लगाए गए चार हैंडपंप पानी देना बंदकर दिए हैं। इससे लोगों को पानी की किल्लत से जूझना पड़ रहा है। कई शौचालयों का निर्माण अधूरा है। इससे लोगों को खुले में शौच करना पड़ता है। ग्रामीणों का कहना है कि कई माह से सफाई कर्मी नहीं आया है। इससे गांव में गंदगी का अंबार है और लोग संक्रामक बीमारी से पीड़ति हो रहे हैं। शिकायत के बाद भी समस्या के निराकरण को ठोस कदम नहीं उठाया जा रहा है। गांव का इतिहास :

विकास खंड चायल के ¨सगपुर में दो हजार से अधिक आबादी है। वर्ष 1990 में गांव को ग्राम पंचायत का दर्जा मिला था। उसके बाद यहां पर प्रधान का चुनाव कराया गया। प्रभु प्रसाद पहली बार ग्राम प्रधान बने। तब से गांव के विकास के लिए हर साल कार्ययोजना तैयार की जाती है, लेकिन पर्याप्त धन न मिलने की वजह से गांव का समुचित विकास नहीं हुआ। गांव की विशेषताएं :

¨सहपुर गांव में पुरानी शिव मंदिर है। इस मंदिर से क्षेत्र के लोगों का आस्था जुड़ी है। इस मंदिर में सोमवार को पूजन के लिए सुबह से की भक्तों की भीड़ लग जाती है। हर तीसरे माह रामायण पाठ होता है। साथ ही साल में एक बार कलश यात्रा निकाली जाती है, जिसमें आधा दर्जन गांव की महिलाएं व किशोरियां शामिल होते है।

नाली, खड़ंजा निर्माण व हैंडपंपों का रिबोर शौचालय आवास का स्टीमेट बना कर भेजा गया है। पिछले चार माह से धन नहीं मिला। खाते में रुपये आने के बाद कार्ययोजना के मुताबिक विकास कार्य कराया जाएगा।

- विनोद कुमार त्रिपाठी, प्रधान ¨सहपुर


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