इनकम टैक्स में जुर्माना निस्तारण प्रक्रिया भी अब फेसलेस, केंद्रीय प्रत्यक्ष कर बोर्ड ने जारी की अधिसूचना
इनकम टैक्स के असेसमेंट और अपील संबंधी मामलों की सुनवाई सरकार पहले ही फेसलेस कर चुकी है। ऐसे प्रकरणों में आयकरदाताओं की सुनवाई अपीलीय अधिकारी द्वारा सिर्फ ऑनलाइन की जा सकती है। अब जुर्माना लगाने और उसके निस्तारण की प्रक्रिया भी फेसलेस कर दी गई है।
प्रयागराज, जेएनएन। आयकर (इनकम टैक्स) संबंधी किसी मामले में अब अगर आयकरदाताओं के खिलाफ जुर्माना लगेगा तो उन्हें विभागीय अधिकारियों के सामने प्रस्तुत होकर जवाब नहीं देना होगा। जुर्माना निस्तारण की सभी प्रक्रियाएं अब फेसलेस होंगी। वित्त मंत्रालय के केंद्रीय प्रत्यक्ष कर बोर्ड ने 12 जनवरी को इसकी अधिसूचना जारी की है।
इनकम टैक्स के असेसमेंट (मूल्यांकन) और अपील संबंधी मामलों की सुनवाई सरकार पहले ही फेसलेस कर चुकी है। ऐसे प्रकरणों में आयकरदाताओं की सुनवाई अपीलीय अधिकारी द्वारा सिर्फ ऑनलाइन की जा सकती है। अब जुर्माना लगाने और उसके निस्तारण की प्रक्रिया भी फेसलेस कर दी गई है। इसके लिए नेशनल फेसलेस पेनाल्टी सेंटर बनाया गया है।
ऐसे में आयकर विभाग के अधिकारियों द्वारा जुर्माने संबंधी जो भी नोटिसें आयकरदाताओं को जारी की जाएंगी। उसका निस्तारण अब नेशनल फेसलेस पेनाल्टी सेंटर के माध्यम से ही होगा। जुर्माना लगाने से पहले इस सेंटर के माध्यम से ही आयकरदाताओं को कारण बताओ नोटिस जारी की जाएगी। अगर नोटिस का जवाब उचित पाया गया तो पेनाल्टी नहीं लगेगी। संबंधित आयकरदाताओं द्वारा कोई जवाब नहीं दिया गया अथवा जवाब संतोषजनक नहीं हुआ तभी पेनाल्टी का आदेश ऑनलाइन जारी होगा।
इलाहाबाद सीए एसोसिएशन के पूर्व अध्यक्ष गौरव अग्रवाल ने बताया कि इस व्यवस्था से करदाताओं का न किसी तरह से अधिकारी उत्पीडऩ कर सकेंगे और न ही उसके साथ गलत व्यवहार हो सकेगा। सुनवाई के लिए दूसरे शहरों के अधिकारी नियुक्त हाने से पारदर्शिता भी बनी रहेगी।
दूसरे शहरों के अधिकारी करेंगे सुनवाई : उदाहरण के तौर पर इलाहाबाद कमिश्नरी के आयकरदाताओं को अगर असेसमेंट जुर्माने के संबंध में नोटिस जारी होती हैं तो उनके जुर्माने के निस्तारण से संबंधित सुनवाई दूसरे शहर के अधिकारी करेंगे। अफसरों की नियुक्ति भी उक्त सेंटर के जरिए की जाएगी। इसी तरह की व्यवस्था देशभर के सभी कमिश्नरी के लिए लागू की गई है। आयकर विभाग के अधिकारियों का कहना है कि अगर करदाता आग्रह करेगा तो वीडियो कांफ्रेंसिंग के जरिए भी मामले की सुनवाई होगी।