मेले में कमाई पर आयकर विभाग की रहेगी पैनी नजर
मार्च के पहले सप्ताह तक लगने वाले इस मेले में तमाम संस्थाएं लाखों-करोड़ों की कमाई भी करेंगी। ऐसे में आयकर विभाग के अफसरों ने ऐसी संस्थाओं की आमदनी पर नजर रखने का निर्णय लिया है।
प्रयागराज: कुंभ मेले में धार्मिक, सांस्कृतिक समेत अन्य संस्थाओं और व्यापारियों की कमाई पर आयकर विभाग की पैनी नजर रहेगी। नियम के मुताबिक रिटर्न दाखिल न करने वाली संस्थाओं और व्यापारियों का विभाग ब्योरा तैयार करेगा। बाद में ऐसी संस्थाओं के संचालकों और व्यापारियों को नोटिस भेजकर रिटर्न दाखिल करने के लिए कहा जाएगा।
कुंभ मेले में हजारों की संख्या में धार्मिक, सांस्कृतिक और व्यापारिक संस्थाएं भी आएंगी। मार्च के पहले सप्ताह तक लगने वाले इस मेले में तमाम संस्थाएं लाखों-करोड़ों की कमाई भी करेंगी। ऐसे में आयकर विभाग के अफसरों ने ऐसी संस्थाओं की आमदनी पर नजर रखने का निर्णय लिया है। इसके लिए काली मार्ग पर कैंप कार्यालय भी खोला जाएगा, जिसके लिए जमीन मिल गई है।
मेले में एक आयकर अधिकारी और चार आयकर निरीक्षकों की ड्यूटी लगाई जाएगी। अफसरों ने मेला प्रशासन से बड़ी संस्थाओं की सूची भी मुहैया कराने के लिए कहा है, ताकि उनकी खोजबीन में दिक्कत न हो। धर्मार्थ संस्थाओं के मामले में गुमनाम दान पर 30 फीसद टैक्स का प्रावधान है। मेले में गुमनाम दान बहुत किया जाता है। अफसरों का कहना है कि कैंप के जरिए आयकर के नियम-कानून संबंधी प्रचार-प्रसार भी किया जाएगा। वाणिज्यकर विभाग पहली बार लगाएगा कैंप :
मेले में जो व्यापारी आएंगे, वस्तु एवं सेवा कर (जीएसटी) के तहत उन्हें भी अस्थायी रजिस्ट्रेशन लेना पड़ेगा। इसके लिए वाणिज्यकर विभाग ने पहली बार कैंप लगाने के लिए मेला प्रशासन से जमीन की मांग की है। विभाग को जमीन अभी मिली नहीं है, मेलाधिकारी ने जमीन देने का आश्वासन दिया है। एडिशनल कमिश्नर ग्रेड-टू रामप्रसाद ने बताया कि कैंप में दो वाणिज्यकर अधिकारी, दो लिपिक और दो चपरासी तैनात किए जाएंगे। जीएसटी के तहत व्यवस्थाएं ऑनलाइन होने के कारण कंप्यूटर सेट भी लगाए जाएंगे।