मंत्री उपेंद्र तिवारी समेत अन्य की एमपी एमएलए कोर्ट में जमानत मंजूर
एमपी एमएलए कोर्ट में मंत्री उपेंद्र तिवारी समेत अन्य ने सरेंडर किया। उन सभी को जमानत मिल गई। बलिया में प्रदर्शन के दौरान हंगामा करने आदि का मामला रहा।
प्रयागराज : उत्तर प्रदेश सरकार में मंत्री उपेंद्र तिवारी, विजय गुप्ता, रंगनाथ मिश्र, देवेंद्र यादव ने विशेष कोर्ट एमपी एमएलए में सरेंडर किया। मामला बलिया में प्रदर्शन के दौरान हंगामा कर सरकारी कार्य में बाधा डालने का था। विशेष न्यायाधीश पवन कुमार तिवारी ने जमानत अर्जी पर बहस सुनने के बाद 20-20 हजार रुपये की दो जमानत पेश करने पर उन्हें रिहा करने का आदेश दिया।
क्या था मामला
बलिया के थाना कोतवाली में 16 दिसंबर 2010 को रिपोर्ट दर्ज कराई गई थी कि अभियुक्तों ने कुमारी सीमा गुप्ता पुत्री रामचंद्र गुप्ता के अपहरण के मामले में प्रदर्शन के दौरान हंगामा किया। पुलिसकर्मियों से अभद्रता कर सरकारी कार्य में बाधा डाला। इसी मामले में उपेंद्र तिवारी समेत अन्य आरोपितों की पेशी एमपी एमएलए कोर्ट में हुई, जहां से सभी को जमानत मिल गई।
पूर्व विधायक संतोष पांडेय ने किया सरेंडर, मिली जमानत
पूर्व विधायक संतोष पांडेय ने विशेष कोर्ट एमपी एमएलए में दो मुकदमें में सरेंडर किया। विशेष न्यायाधीश पवन कुमार तिवारी ने पूर्व विधायक को न्यायिक हिरासत में लेने का आदेश दिया। इसके बाद जमानत अर्जी पर सुनवाई शुरू हुई। बहस सुनने के बाद विशेष न्यायाधीश ने 20-20 हजार रुपये की दो जमानत देने पर उन्हें रिहा किए जाने का आदेश दिया।
पूर्व विधायक पर यह था आरोप
सुल्तानपुर के थाना लम्भुआ में पूर्व विधायक संतोष पांडेय के खिलाफ मारपीट और आचार संहिता उल्लंघन के दो मामले दर्ज हुए थे। अब इन मामलों की सुनवाई एमपी एमएलए कोर्ट में चल रही है। मंगलवार को पेशी थी, सुबह पूर्व विधायक ने सरेंडर किया। बाद में शर्तें पूरी करने पर उन्हें जमानत मिल गई।
पूर्व मंत्री उमा किरन को मिली जमानत
पूर्व मंत्री उमा किरन ने विशेष कोर्ट एमपी एमएलए में सरेंडर किया। चुनाव आचार संहिता के मामले में पेशी के दौरान पूर्व मंत्री को न्यायिक हिरासत में ले लिया गया। बाद में विशेष न्यायाधीश पवन कुमार तिवारी ने जमानत अर्जी पर सुनवाई करते हुए 20-20 हजार रुपये की दो जमानत पेश करने पर उनकी रिहाई का आदेश दिया।
मुजफ्फरनगर का मामला
मामला मुजफ्फरनगर के सिविल लाइंस थाने का है। 25 जनवरी 2017 को रिपोर्ट दर्ज हुई थी कि अभियुक्त ने अपने अन्य सहयोगियों के साथ चुनाव आचार संहिता का उल्लंघन किया।