उत्पाद बिक्री के लिए उत्पादकों को दो लाख तक प्रोत्साहन राशि
ओडीओपी के प्रोडक्ट को बढ़ावा देने के लिए शासन कवायद कर रही है। उतपादकों को उत्पाद बिक्री के लिए प्रोत्याहन राशि दी जाएगी।
प्रयागराज : एक जनपद एक उत्पाद (ओडीओपी) के तहत चयनित उत्पादों को बेचने के लिए उत्पादकों को अधिकतम दो लाख रुपये तक प्रोत्साहन राशि मिलेगी। इसके लिए उत्पादकों को ऑनलाइन आवेदन करना पड़ेगा। जब तक ऑनलाइन पोर्टल शुरू नहीं हो जाता है, तब तक जिला उद्योग केंद्रों में आवेदन करना पड़ेगा। हालांकि, एक वित्तीय वर्ष में अधिकतम तीन बार आर्थिक सहायता प्राप्त की जा सकती है। इस संबंध में सचिव (शासन) भुवनेश कुमार ने आदेश जारी कर दिया है।
आवेदन पत्र के साथ यह कागजात लगाना होगा
आवेदन पत्र के साथ प्रदाता द्वारा जारी की गई इनवाइस, बैंक स्टेटमेंट, आवेदक का पहचान पत्र एवं आधार कार्ड, पंजीयन प्रमाण पत्र, उद्यमी आधार कार्ड लगाना अनिवार्य है। आर्थिक सहायता के बस एवं ट्रेन के ऑफलाइन अथवा विंडो के जरिए खरीदे गए टिकट ही मान्य होंगे। आर्थिक सहायता के दुरुपयोग, गलत तथ्य प्रस्तुत करने अथवा छिपाने पर लाभार्थी से पूरी धनराशि वसूल की जाएगी। इकाई को काली सूची में डालते हुए भविष्य में किसी तरह की सरकारी मदद के लिए अपात्र घोषित कर दिया जाएगा।
सूबे में आयोजित मेला-प्रदर्शनियों में भाग लेने पर आर्थिक सहायता
-स्टाल चार्ज का 75 फीसद अथवा अधिकतम 50 हजार रुपये
-उत्पादन स्थल से मेला-प्रदर्शनी तक माल ढुलाई पर खर्च का 75 फीसद अथवा अधिकतम 7500 रुपये
-मेले में भाग लेने के लिए एक व्यक्ति के आने-जाने का ट्रेन में थ्री एसी अथवा बस में एसी का किराया
सूबे के बाहर के लिए आर्थिक मदद
-उत्पादन स्थल से प्रदर्शनी-मेला तक माल ढुलाई पर खर्च का 75 फीसद अथवा अधिकतम 15 हजार रुपये
-स्टाल खर्च और व्यक्ति के आने-जाने का किराया सूबे के मेले में शामिल होने के बराबर ही मिलेगा।
विदेशों में भाग लेने के लिए
-स्टाल चार्ज का 75 फीसद, अधिकतम दो लाख रुपये
-उत्पादन स्थल से प्रदर्शनी-मेला तक माल ढुलाई पर खर्च का 75 फीसद, बीटूबी मेले के लिए अधिकतम 25 और बीटूसी के लिए 50 हजार
-ट्रेन के थ्री एसी अथवा एसी बस से की गई घरेलू यात्रा एवं वायुयान की इकोनॉमी क्लास में की गई विदेश की यात्रा के कुल व्यय का 75 फीसद, अधिकतम 75 हजार
ऑनलाइन कारोबार के लिए भी अनुदान
ऑनलाइन कारोबार के लिए वेबसाइट अथवा पोर्टल के जरिए शुरू किए गए व्यवसाय में कुल खर्च का 75 फीसद, अधिकतम 10 हजार का अनुदान।
कहते हैं उद्योग केंद्र के उपायुक्त
जिला उद्योग केंद्र के उपायुक्त अजय कुमार चौरसिया का कहना है कि आवेदन के लिए हस्तशिल्प पहचान पत्र होना भी जरूरी है। पहचान पत्र बनवाने के लिए विकास आयुक्त वस्त्र मंत्रालय भारत सरकार को आवेदन भेजा जाता है। वहीं से पहचान पत्र बनकर आता है।