Water Conservation : सूखे मौसम में इंसानों और पशु पक्षियों के काम आ रहा प्रतापगढ़ में गहिरी का तलाब
गहिरी गांव के प्रधान रह चुके स्व. नन्हें सिंह गांव में एक एकड़ से अधिक रकबे में तालाब का निर्माण कराया था। उसकी सतह करीब 10 फीट है। तालाब को ऐसा बनाया गया है कि गांव के लोग सुबह व शाम तालाब के पास बैठकर प्रकृति का आनंद लेते हैं
प्रयागराज, जेएनएन। प्रतापगढ़ में लक्ष्मणपुर ब्लाक के आदर्श ग्राम पंचायत गहिरी में जलस्तर घटने से पानी का संकट खड़ा हो गया था। संकट से निजात दिलाने के लिए गांव के नन्हे सिंह के निजी प्रयास से तालाब बनाया गया।तालाब में पानी लबालब होने से जलस्तर नहीं घटता है। वहीं तालाब में पानी होने से पशु पक्षियों को पानी के लिए परेशान नहीं होना पड़ रहा है। एक तरह से यह तालाब गांव के लिए संजीवनी साबित हो रहा है।
जल संरक्षण और जल स्तर दोनों रहता है बरकरार
गहिरी गांव के प्रधान रह चुके स्व. नन्हें सिंह गांव में एक एकड़ से अधिक रकबे में तालाब का निर्माण कराया था। उसकी सतह करीब 10 फीट है। तालाब को इस कदर बनाया गया है कि गांव के लोग सुबह व शाम तालाब के पास बैठकर प्रकृति का आनंद लेते हैं। वहीं बेसहारा पशु भी तालाब में जाकर पानी पीते हैं। गर्मी मिटाने के लिए घंटों देर तक पानी में बैठे रहते हैं। तालाब में पानी हमेशा रहे, इसे उद्देश्य से तालाब के पास सबमर्सिबल पंप भी लगाया गया है। जो हमेशा चलता रहता है। दिन रात पानी तालाब में जाता रहता है। हर साल तालाब की सफाई भी की जाती है। गांव के विष्णु प्रताप सिंह, शशिधर उपाध्याय, राम अजोर सरोज व महरानी दीन गुप्ता सहित गांव के तमाम लोग तालाब को दुरुस्त करने में अपना सहयोग देते हैं। ग्रामीणों का कहना है कि तालाब में पानी रहने से ठंडी हवाएं भी मिलती हैं। गर्मी के दिनों में तालाब के किनारे पेड़ की छांव में बैठकर ग्रामीण घंटों ठंडी हवा का आनंद लेते हैं। गांव के साथ ही दूर-दूर से आने वाले पशु, पक्षी भी यहां तालाब के पानी से अपनी प्यास बुझाते हैं।
तालाब में पानी हमेशा भरा रहता है। इससे जहां जलस्तर दुरुस्त है, वहीं पशु पक्षियों के लिए यह तालाब वरदान साबित हो रहा है।
- राम अजोर सरोज
- गांव के लोग पानी के संकट से जूझ रहे थे। जल स्तर भी नीचे खिसक रहा था। तालाब के निर्माण होने से यह सारी समस्याएं दूर हो गईं।
-बिष्णु प्रताप सिंह
यह सरोवर गांव की शान है। इस तालाब की उपयोगिता ग्रामीणों में हमेशा बनी रहती है। पशु, पक्षियों की प्यास बुझाने के साथ ही गांव में पानी का जलस्तर भी दुरुस्त है।
- शशिधर उपाध्याय
पानी से ही जीवन है। तालाब पोखरों में पानी रहने से नलकूप, कुआं आदि का जलस्तर दुरुस्त रहता है। इसके प्रति सभी को सचेत रहना जरूरी है।
- महरानी दीन गुप्ता