बीटीसी पेपर लीक मामले में एसटीएफ के रडार पर अब प्रिंटिंग प्रेस कर्मचारी
बीटीसी पेपर लीक मामले में एसटीएफ शिकंजा कसना शुरू कर दिया है। अब प्रिंटिंग प्रेस कर्मचारी से पूछताछ की जाएगी। एंड्रायड फोन इस्तेमाल करने वालों पर शक है।
इलाहाबाद : बीटीसी 2015 चतुर्थ सेमेस्टर पेपर लीक मामले में स्पेशल टॉस्क फोर्स (एसटीएफ) के रडार पर अब प्रिंटिंग प्रेस के कर्मचारी आ गए हैं। एंड्रायड फोन प्रयोग करने वालों पर शक ज्यादा है।
कर्नलगंज निवासी दीप्ति इंटरप्राइजेज के आशीष अग्रवाल और बाई का बाग कीडगंज निवासी भार्गव प्रेस के मालिक अरविंद भार्गव को इस मामले में गिरफ्तार किया जा चुका है। पेपर की प्रिंटिंग भार्गव प्रेस में हुई थी, लिहाजा वहीं के कर्मचारियों की भूमिका संदिग्ध पाई गई है।
एसटीएफ को पता चला है कि भार्गव प्रेस में सामान्य दस्तावेज की तरह गोपनीय प्रश्नपत्र की छपाई हुई और कंप्यूटर में भी यूएसबी पोर्ट लगा था, जिससे कोई भी पेपर चुरा सकता है। यह भी माना गया है कि जिस कर्मचारी ने पेपर को लीक किया है, उसका मकसद किसी अपने का फायदा करना या बेचना रहा होगा। एसटीएफ को उसी शख्स की तलाश है, जिसने प्रेस से पेपर को बाहर निकाला।
एसटीएफ ने ऐसे सभी कर्मचारियों की लिस्ट, मोबाइल नंबर और पते की जानकारी मांगी है। उनके वाट्सएप भी चेक किए जाएंगे और उनकी कॉल डिटेल रिपोर्ट भी निकलवाई जाएगी। सीओ एसटीएफ नवेंदु कुमार का कहना है कि पेपर लीक मामले के बारे में जल्द ही कर्मचारियों से पूछताछ की जाएगी।