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सात दिन में ड्राइविंग लाइसेंस घर न पहुंचा तो रोज मिलेगा मुआवजा

अब ड्राइविंग लाइसेंस बनवाने में दिक्‍कत नहीं होगी न ही अधिक समय लगेगा। स्‍मार्ट चिप कंपनी लाइसेंस बनाकर एक सप्‍ताह में घर पहुंचाएगी। वरना दस रुपये प्रतिदिन मुआवजा देगी।

By Brijesh SrivastavaEdited By: Published: Wed, 27 Mar 2019 01:11 PM (IST)Updated: Wed, 27 Mar 2019 01:11 PM (IST)
सात दिन में ड्राइविंग लाइसेंस घर न पहुंचा तो रोज मिलेगा मुआवजा
सात दिन में ड्राइविंग लाइसेंस घर न पहुंचा तो रोज मिलेगा मुआवजा

प्रयागराज : ड्राइविंग लाइसेंस बनवाने के लिए आपको संभागीय परिवहन कार्यालय (आरटीओ) के चक्कर नहीं लगाने पड़ेंगे। न ही लाइसेंस के लिए महीनेभर इंतजार करना होगा। आवेदन करने के मात्र सात दिन के अंदर लाइसेंस आपके घर पर पहुंच जाएगा। सात दिन में लाइसेंस न मिला तो 10 रुपये प्रतिदिन के हिसाब से आपको मुआवजा मिलेगा। यह पैसा आपको लाइसेंस बनाने वाली कंपनी देगी। क्या विश्वास नहीं हो रहा है...?, लेकिन यह सच्चाई है। अप्रैल के अंत तक या फिर मई की शुरुआत में यह व्यवस्था प्रदेश भर में लागू हो जाएगी।

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 'स्मार्ट चिप' नामक कंपनी लाइसेंस बनाकर उसे आवेदक तक पहुंचाएगी

आरटीओ आफिस में लर्निंग और परमानेंट ड्राइविंग लाइसेंस बनवाने के लिए ऑनलाइन आवेदन करना पड़ता है। ऑनलाइन फीस जमा करने के साथ ही कुछ प्रश्नों के उत्तर देने पड़ते हैं। फिर एक महीने बाद निर्धारित पते पर लाइसेंस पहुंचता है। अब नई व्यवस्था के तहत ड्राइविंग लाइसेंस लखनऊ स्थित परिवहन आयुक्त मुख्यालय से बनकर आएगा। 'स्मार्ट चिप' नामक कंपनी लाइसेंस बनाकर उसे आवेदक तक पहुंचाएगी।

डीएल को आवेदन अपने जिले में ही करना होगा

आवेदन पहले की तरह अपने जिले के आरटीओ आफिस में करना होगा। वहां स्मार्ट चिप कंपनी के कर्मचारी आवेदन की सभी प्रक्रिया पूर्ण कराएंगे। आवेदक का बायोमीट्रिक थम्ब इंप्रेशन और आइ रेटिना इंप्रेशन के साथ मेडिकल परीक्षण आदि का ब्योरा ऑनलाइन परिवहन मुख्यालय लखनऊ भेजा जाएगा। वहां से लाइसेंस निर्गत होने पर उसे आवेदकों के पास सात दिन के भीतर पहुंचा दिया जाएगा।

कॉल सेंटर से मिलेगी जानकारी

आवेदक परिवहन आयुक्त लखनऊ कार्यालय में बने कॉल सेंटर से अपने लाइसेंस की स्थिति की जानकारी ले सकेंगे। आवेदन करते समय उन्हें एक नंबर मिलेगा, जिसे बताकर लाइसेंस की मौजूदा स्थिति जान पाएंगे।

भ्रष्टाचार पर लगेगा अंकुश

ऑनलाइन प्रक्रिया होने के बावजूद आरटीओ आफिस में लाइसेंस बनवाने वाले दलाल सक्रिय हैं। कर्मचारियों व अधिकारियों से साठगांठ कर मनचाहे तरीके से ड्राइविंग लाइसेंस बनवाते हैं। अब कंपनी द्वारा लाइसेंस बनाए जाने पर दलाली की गुंजाइश नहीं रहेगी। साथ ही आरटीओ दफ्तर का चक्कर काटने से भी निजात मिल जाएगी।

कहते हैं आरटीओ

आरटीओ सगीर अंसारी का कहना है कि ड्राइविंग लाइसेंस परिवहन मुख्यालय लखनऊ से बनाने की तैयारी चल रही है। एक-दो माह के भीतर निजी कंपनी लाइसेंस बनाकर उसको आवेदकों तक पहुंचाएगी। हालांकि लाइसेंस बनाने की सारी प्रक्रिया आरटीओ दफ्तर में पूरी की जाएगी।


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