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एक साल में तीन लाख का हो गया था पांच लाख रुपये ब्याज

रामपूजन सूदखोरों से परेशान था। तीन लाख मूलधन का एक वर्ष में ब्‍याज पांच लाख हो गया था। संदिग्‍ध हाल में वह लापता है। गंगा नदी पुल पर सुसाइड लेटर मिला है लेकिन कूदते हुए किसी ने नहीं देखा।

By Brijesh SrivastavaEdited By: Published: Mon, 04 Feb 2019 01:27 PM (IST)Updated: Mon, 04 Feb 2019 01:27 PM (IST)
एक साल में तीन लाख का हो गया था पांच लाख रुपये ब्याज
एक साल में तीन लाख का हो गया था पांच लाख रुपये ब्याज

प्रयागराज : सूदखोरों के खौफ से कई दिनों से घर से लापता रामपूजन को गंगा नदी में किसी ने छलांग लगाते नहीं देखा। पुलिस नदी में उसकी तलाश में भी सफल नहीं हुई। ऐसे में रामपूजन किस हालात में है यह तो स्पष्ट नहीं है, लेकिन इस घटना ने गांवों में फैले सूदखोरों के जाल से पर्दा जरूर उठाया है। इसकी तस्दीक रामपूजन के परिजन ही नहीं पड़ोसी भी करते हैं। इसमें पुलिस की भूमिका पर भी सवाल उठ रहे हैं। लोग कहते हैं कि अगर पुलिस सख्‍त हो जाती तो शायद ऐसी घटना नहीं होने पाती।

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ब्याज चुका न पाने से हताश रामपूजन नदी में कूद गया

कौशांबी जिले में कोखराज थाना क्षेत्र के सिहोरी गांव स्थित हाईवे पुल के किनारे रविवार को पड़ा पैंट-शर्ट व जूता, जेब में मिले सुसाइड नोट से खलबली मच गई। यह सुसाइड नोट रामपूजन पटेल (35) पुत्र स्व. हीरालाल निवासी मलाका हरिहर तालाराजी सोरांव प्रयागराज के नाम से लिखा था। उसमें लिखा है कि कर्ज में डूबने व सूदखोरों की धमकियों से परेशान होकर वह खुदकशी कर रहा है। रामपूजन के दो भाई हैं। रामपूजन ने कुछ साल पहले गांव मे ही चाऊमिन बनाने की फैक्ट्री डाली। फैक्ट्री से अच्छी आमदनी हो रही थी। लेकिन दो साल पहले फैक्ट्री मे अचानक आग लग गई तो स्थिति डांवाडोल हो गई तो उसने कुछ कर्ज लेकर फैक्ट्री दोबारा खड़ी की। करीब डेढ वर्ष पूर्व उसकी फैक्ट्री मे दोबारा आग लग गई तो वह आॢथक रूप से कमजोर हो गया। इलाके के ही कुछ सूदखोरों से उसने 10 से 20 प्रतिशत प्रतिमाह की दर से ब्याज पर करीब तीन लाख रुपये की रकम ले ली। इसका ब्याज इतना भारी पड़ा कि वह उसे चुका नहीं पा रहा था।

थाने और चौकी का चक्कर लगा रही थी रामपूजन की पत्नी

इस घटना के बाद रविवार को रामपूजन का घर बंद था और आसपास की महिलाएं वहां खड़ी थीं। वे बता रही थीं कि किस तरह से रुपया उधार देने वाले उसे प्रताडि़त कर रहे थे। वे उसे मारने से लेकर परिजनों तक को उठा लेने की धमकी दे रहे थे। कई दिन से घर से लापता रामपूजन की पत्नी इसी डर से पिछले तीन दिन से थाने और चौकी में तहरीर दे रही थी, जिसमें उसने पड़ोसी गांव सुमेरी का पूरा निवासी कई लोगों पर उसके पति का अपहरण करने और अनहोनी की आशंका जताई थी। फिर भी पुलिस उसकी कोई मदद नहीं कर पाई।

परिवार पर टूटा गम का पहाड़

रहस्यमय स्थिति में गायब रामपूजन के कपड़े और सुसाइड नोट मिलने से उसके परिवार पर गम का पहाड़ टूट पड़ा है। रामपूजन के दो भाई चंद्रशेखर व शिवपूजन अलग-अलग व्यापार करते हैं। पत्नी पूजा पटेल के सहारे ही दो बच्चे प्रियांशू और ङ्क्षप्रस हैं। पूजा बताती हैं कि सूदखोरों के डर से रामपूजन बहुत परेशान था, घर छोडऩे से पहले वह उससे और बच्चों से भी ढंग से बात नहीं करता था और अक्सर आत्महत्या की बातें करता था।

प्लाटिंग का धंधा भी नहीं चल सका

आगजनी में कारखाना राख होने के बाद रामपूजन ने प्लाटिंग कर कर्ज चुकाने का भी प्रयास किया, लेकिन इसमें वह सफल नहीं हो पाया। उसे लगा कि अब सूदखोर उसकी हत्या कर देंगे।


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