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'मन की बात' में पीएम ने फूलपुर के कादीपुर गांव का जिक्र किया तो उल्लास में डूबे ग्रामीण Prayagraj News

पीएम ने मन की बात कार्यक्रम में जब फूलपुर के कादीपुर गांव का जिक्र किया तो ग्रामीण उल्लास में डूब गए। यहां की महिलाओं के जज्‍बे की खबर को दैनिक जागरण ने प्रकाशित की थी।

By Brijesh SrivastavaEdited By: Published: Mon, 30 Dec 2019 09:34 AM (IST)Updated: Mon, 30 Dec 2019 11:51 AM (IST)
'मन की बात' में पीएम ने फूलपुर के कादीपुर गांव का जिक्र किया तो उल्लास में डूबे ग्रामीण Prayagraj News
'मन की बात' में पीएम ने फूलपुर के कादीपुर गांव का जिक्र किया तो उल्लास में डूबे ग्रामीण Prayagraj News

प्रयागराज, [ज्ञानेंद्र सिंह]। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने 'मन की बात' कार्यक्रम में जैसे ही फूलपुर लोकसभा क्षेत्र के कादीपुर गांव का नाम लिया, पूरा गांव उल्लास और उमंग में डूब गया। मिठाई बंटने लगी, ढोल-नगाड़ा बजने लगा। नए साल का जश्न तीन दिन पहले ही गांव में मनाया जाने लगा। पूरे गांव में दैनिक जागरण की खबर की कटिंग लहराई गई। दरअसल, समाचार के जरिए ही गांव की महिलाओं द्वारा लिखी गई सफलता की दास्तान प्रधानमंत्री तक पहुंची थी।

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'चप्पलों के सहारे मिले मंजिल के किनारे' ने महिलाओं की प्रेरणादायक कहानी उकेरी

दैनिक जागरण के 19 नवंबर 2019 के अंक में 'चप्पलों के सहारे मिले मंजिल के किनारे' शीर्षक से समाचार प्रकाशित हुआ था। समाचार में कादीपुर गांव की उन महिलाओं की प्रेरणादायक कहानी थी, जिसमें उन्होंने स्वयं सहायता समूह के माध्यम से चप्पल बनाकर उसकी बिक्री करने का जिक्र था। समूह की अध्यक्ष पल्लवी परमार, सचिव अनीता देवी, मंजू प्रजापति, मंजुला देवी, उमा देवी, मंजू देवी, कुसुम, रंजना, कविता, शुभी ने चप्पल बनाने का प्लांट लगाया और फिर उसकी ब्रिकी शुरू कराई। राष्ट्रीय आजीविका मिशन की ओर से भी समूह की सहायता की गई। मिशन के उपायुक्त अजीत कुमार सिंह और उनकी टीम ने बाजार उपलब्ध कराया। विभाग के लोगों ने चप्पलें खरीदना शुरू किया।

असर यह हुआ कि महिलाएं स्कूटी से चलने लगीं

कई गांवों में महिलाएं, पुरुष और बच्चों में इन चप्पलों की डिमांड बढ़ गई। इसमें खास यह भी कि पुलिस वाले खुद और अपने परिवार के लिए भी इसी समूह की चप्पलें पहनने लगें। ब्लॉक कर्मियों, सफाई कर्मियों, आंगनबाड़ी, आशा, स्वास्थ्य, विद्युत, पीडब्ल्यूडी के साथ प्रशासन से जुड़े अफसर और कर्मचारी भी यही चप्पल खरीदने लगे। लगभग दो हजार अफसर और कर्मचारी इस समूह का स्लीपर प्रयोग करने लगे। इससे समूह की महिलाओं की आर्थिक ताकत ऐसी बढ़ी कि उनकी जीवनशैली ही बदल गई। बच्चे कान्वेंट स्कूलों में पढऩे लगे। महिलाएं स्कूटी से चलने लगीं। शहर से सटे फाफामऊ इलाके में प्लाट और मकान तक महिलाओं ने खरीद लिया।

महिलाओं के जज्बे और जज्बात को प्रधानमंत्री ने पूरे देश के सामने रखा

इन महिलाओं के जज्बे और जज्बात को प्रधानमंत्री ने पूरे देश के सामने रखा। रविवार को मन की बात कार्यक्रम में पीएम मोदी ने इस समूह की महिलाओं से प्रेरणा लेने का आह्वïान किया। पीएम द्वारा कादीपुर की महिलाओं के सम्मान में बोलने की खबर जैसे ही गांव के लोगों को मिली, कोई टीवी के सामने पहुंचा तो कोई मोबाइल देखने लगा। सबसे पहले आजीविका मिशन के उपायुक्त अजीत सिंह ने गांव की महिलाओं को फोन कर सूचना दी, जिसके बाद गांव जश्न में डूब गया। चप्पल के प्लांट पर माला पहनाई गई। खुद समूह की अध्यक्ष पल्लवी ने पूरे गांव में मिठाई वितरित की।

कादीपुर के महिलाओं के उल्लेख संग 18 मिनट स्वरोजगार पर जोर

प्रधानमंत्री ने साल के आखिरी मन की बात कार्यक्रम में प्रयागराज की फूलपुर तहसील के कादीपुर गांव की उद्यमी महिलाओं का उल्लेख करते हुए करीब 18 मिनट अपना संबोधन स्वरोजगार के इर्द गिर्द रखा। बोले, अक्सर मैैं यह कहता हूं कि जब देश का हर नागरिक एक कदम आगे बढ़ता है, तो  देश, 130 करोड़ कदम आगे बढ़ जाता है। ऐसी बातें जब समाज में प्रत्यक्ष रूप में देखने को मिलती हैं तो संतोष मिलता है और जीवन में कुछ करने की प्ररेणा भी मिलती है। उत्तर प्रदेश के फूलपुर की कुछ महिलाओं ने अपनी जीवटता से पूरे इलाके को प्रेरणा दी है। इन महिलाओं ने साबित किया है कि अगर एकजुटता के साथ कोई संकल्प ले तो फिर परिस्थितियों को बदलने से कोई रोक नहीं सकता।

प्रधानमंत्री के संबोधन की खास बातें 

-आर्थिक तंगी और गरीबी से परेशान फूलपुर की महिलाओं में परिवार और समाज के लिए कुछ कर गुजरने का जज्बा है। इनने, कादीपुर के स्वयं सहायता समूह के साथ जुड़कर चप्पल बनाने का हुनर सीखा और न सिर्फ अपने पैरों में चुभे मजबूरी के कांटे को निकाल फेंका, बल्कि, आत्मनिर्भर बनकर अपने परिवार का संबल भी बन गईं।

-मैं विशेष रूप से स्थानीय पुलिस और उनके परिवारों को भी बधाई देता हूं, उन्होंने, अपने लिए और अपने परिजनों के लिए, इन महिलाओं द्वारा बनाई गई चप्पलों को खरीदकर, इनको प्रोत्साहित किया है।

-फिर से एक बार मेरा सुझाव है, क्या हम स्थानीय स्तर पर बने उत्पादों को प्रोत्साहन दे सकते हैं?  क्या अपनी खरीदारी में हम उन्हें प्राथमिकता दे सकतें हैं? क्या हम लोकल प्रोडक्ट्स को अपनी प्रतिष्ठा और शान से जोड़ सकते हैं? क्या हम इस भावना के साथ अपने साथी देशवासियों के लिए समृद्धि लाने का माध्यम बन सकते हैं?

-साथियों, महात्मा गांधी ने, स्वदेशी की इस भावना को, एक ऐसे दीपक के रूप में देखा, जो, लाखों लोगों के जीवन को रोशन करता हो। गरीब-से-गरीब के जीवन में समृद्धि लाता हो। 2022 में, हम हमारी आजादी के 75 साल पूरे करेंगे। मेरे प्यारे देशवासियों, क्या हम संकल्प कर सकते हैं, कि 2022, आजादी के 75 वर्ष हो रहे हैं, कम-से-कम, ये दो-तीन साल, हम स्थानीय उत्पाद खरीदने के आग्रही बनें? मैं लंबे समय के लिए नहीं कहता हूं, सिर्फ 2022 तक, आजादी के 75 साल हो तब तक।

तारीफ सुन हुए गदगद

यह बेहद गौरव की बात है कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने समूह की महिलाओं के संकल्प की सराहना की। पूरे देश में कादीपुर गांव की महिलाओं के समूह का नाम रोशन हो गया।

अजीत कुमार, उपायुक्त, राष्ट्रीय आजीविका मिशन

प्रधानमंत्री द्वारा कादीपुर की महिलाओं के कार्य की सराहना किए जाने से गांव ही नहीं पूरे फूलपुर लोकसभा क्षेत्र और प्रयागराज तथा प्रदेश गौरवान्वित हुआ है।

केसरी देवी पटेल, सांसद, फूलपुर


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