Christmas celebrations 2020 : महर्षि पतंजलि विद्यामंदिर मेंं बच्चों ने कैरल गाकर मनाया जश्न
Christmas celebrations 2020 यीशु का जन्म परमेश्वर के महान प्रेम का प्रतीक है। सृष्टि की रचना करने वाले प्रभु धरती पर मनुष्य के मध्य आए और जितनों ने उन्हें पहचाना व ग्रहण किया उसे उन्होंने परमेश्वर की संतान होने का अधिकार दिया।
प्रयागराज, जेएनएन। महर्षि पतंजलि विद्यामंदिर में बच्चों ने ऑनलाइन क्रिसमस का जश्न मनाया। कार्यक्रम की शुरुआत शुभ्रा मिश्र व निशा यादव ने पर्व का महत्व बताकर किया। अंबिका केशरी व ज्योति मिश्रा ने गीत गाकर सभी को नव वर्ष व क्रिसमस की बधाई दी। अभिलाषा पांडेय ने भी अपनी कविता पढ़ी। इस अवसर पर सेंटा क्लाज का सभी ने स्वागत किया। श्रेया, लिपि और रानी ने कैरल गाकर समां बांध दिया। विद्यालय की सचिव प्रो. कृष्णा गुप्ता, प्रधानाचार्य सुष्मिता कानूनगो ने बच्चों को पर्व की बधाई दी। इसी क्रम में दुर्गावती इंटरनेशनल स्कूल में ऑनलाइन क्रिसमस मनाया गया। सेंटा का मास्क व कैप पहनकर बच्चों ने जिंगल बेल गीत गाया। विद्यालय की प्रबंधक डॉ. स्वतंत्र मिश्र ने बच्चों से घर में रहने व कोविड-19 से बचाव के सभी नियमों के पालन करने की हिदायत भी दी।
यीशु दरबार चर्च परिसर में सजीं जन्मोत्सव की झांकी
यीशु का जन्म परमेश्वर के महान प्रेम का प्रतीक है। सृष्टि की रचना करने वाले प्रभु धरती पर मनुष्य के मध्य आए और जितनों ने उन्हें पहचाना व ग्रहण किया उसे उन्होंने परमेश्वर की संतान होने का अधिकार दिया। यीशु मसीह पूर्णत: पाप से रहित थे परंतु उन्होंने हमारे पापों के दंड को अपने ऊपर ले लिया। यीशु नाम का अर्थ है छुड़ानेवाला और मसीह का अर्थ है अभिशक्त अर्थात परमेश्वर के द्वारा अभिशक्त छुड़ानेवाला। यह बातें सैम हिग्गिनबॉटम कृषि प्रौद्योगिकी एवं विज्ञान विश्वविद्यालय के यीशु दरबार चर्च के बिशप कुलपति प्रो. राजेंद्र बी लाल ने प्रभु यीशु मसीह के जन्मोत्सव की पूर्व संध्या पर मसीही समाज के लोगों को संबोधित करते हुए कहीं। उन्होंने कहा कि यीशु को हृदय में बुलाएं, वो आपको एक नया जीवन दान देंगे। यीशु के जन्मोत्सव को लेकर परिसर में झांकियां सजाई गईं आकर्षण का केंद्र रहीं।
प्रभु ईशु के बताए मार्ग चलने का लिया संकल्प
वारसी कमेटी की बैठक गुरुवार को सेंवईमंडी स्थित कार्यालय में संपन्न हुई। कमेटी के अध्यक्ष मो. आरिफ वारसी ने प्रभु ईशु मसीह के बताए रास्ते पर चलने का संकल्प लिया। इसमें इस्लाम उल्ला वारसी, अमरदीप सिंह, इकबाल अहमद, डॉ. गिरीश चंद्र श्रीवास्तव, हैदर अली, रवि कुमार, देवी प्रसाद, राधा कनोजिया आदि मौजूद रहे।