Prayagraj Lockdown Day 17 : हैलो...हेल्प लाइन नंबर..हम लोग रिश्तेदार के घर फंसे हैं, राशन चाहिए Prayagraj News
Prayagraj Lockdown Day 17 कुंभ मेले से पहले स्मार्ट सिटी प्रयागराज ने आइट्रिपलसी (कमांड एंड कंट्रोल सेंटर) बनाया था। हेल्प लाइन सेवा लॉकडाउन में लोगाें की मदद कर रही है।
प्रयागराज, जेएनएन। स्मार्ट सिटी का हेल्पलाइन नंबर 1920 सुबह से शाम तक महती भूमिका निभा रहा है। इस हेल्पलाइन पर 30 फोन एक साथ आ सकते हैं और कई वेटिंग में रहते हैं। मदद मांगने वालों का नाम, नंबर, पता आदि संबंधित विभाग को भेजा जाता है। ऐसे ही एक व्यक्ति ने कॉल कर मदद मांगी, ...हम लोग रिश्तेदार के घर पर फंसे हैं, हमें राशन चाहिए। उन्हें भरोसा दिलाया गया कि शीघ्र मदद दी जाएगी।
कोरोना वायरस की आपदा में मदद कर रही 1920 नंबर की हेल्प लाइन सेवा
प्रयागराज में कुंभ मेले से पहले स्मार्ट सिटी प्रयागराज ने आइट्रिपलसी (कमांड एंड कंट्रोल सेंटर) बनाया था। परेड मैदान पर बने ऑफिस से श्रद्धालुओं की सहायता के लिए 1920 नंबर की हेल्प लाइन सेवा शुरू की थी। कोरोना वायरस की आपदा में यह सेंट्रर लोगों की मदद का माध्यम बन गया है। 24 घंटे समस्या सुनी जा रही है। रोजाना पांच से छह हजार कॉल आती है। औसत एक हजार कॉल में 60 फीसद से लोग खाना और राशन के लिए फोन करते हैं। 30 फीसद लोग स्वास्थ्य संबंधी जानकारी करने, दवा मंगवाने के लिए फोन करते हैं। 10 फीसद लोगों की शिकायत नगर निगम से संबंधित रहती है। खाने और राशन से संबंधित कॉल का वितरण जिला आपूॢत विभाग को भेज दिया जाता है। स्वास्थ्य के संबंध में डॉक्टर व्यक्ति के पास कॉल करता है और नगर निगम की शिकायत को कर्मी कंट्रोल सेंटर में मौजूद रहता है।
नगर आयुक्त बोले, लोगों की मदद को एनजीओ व संस्थाओं की ली जा रही मदद
नगर आयुक्त और स्मार्ट सिटी प्रयागराज के सीईओ रवि रंजन कहते हैं कि कॉल करने वाले व्यक्ति को आवश्यकता के अनुसार मदद की जाती है। रोजाना हेल्प लाइन पर कॉल की संख्या बढ़ रही है। शहर से ग्रामीण तक मदद पहुंचाने में एनजीओ व संस्थाओं से मदद ली जा रही है।
केस वन
संगम विहार कालोनी से सरिता गुप्ता का फोन, बोली मैं इलाज के लिए मेजा खास से आई थी लेकिन लौट नहीं पाई। मैं व मेरी बेटी रिश्तेदार के घर पर हैं। राशन खत्म हो गया है। हमारी क्या मदद हो सकती है?
केस टू
मंसूर पार्क से सुफैल अहमद का फोन। बोली वह दिल्ली से बेटे को लेने आए थे। लॉकडाउन के कारण 19 दिन से रिश्तेदार के घर पर रुके हैं। उनके पास जो पैसा था, वह खर्च हो गया है। राशन के लिए मदद मांग रहे हैं।
केस थ्री
म्योराबाद राजापुर अफरोज का फोन। बताया कि वह रिक्शा चालक है। उसकी तरफ चार रिक्शा चालकों का परिवार यहां पर रह रहा है। घर में राशन खत्म हो गया है। बच्चे बार-बार खाने की जिद करते हैं। उनकी मदद करें।