प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के आयुष्मान भारत योजना में 'वसूली का इंजेक्शन'
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने गरीबों की सेहत सुधारने के लिए आयुष्मान भारत योजना शुरू की है। हालांकि गोल्डेन कार्ड बनवाने को पहुंचाए जा रहे पत्र से वसूली हो रही है।
प्रयागराज : जिस आयुष्मान भारत के जरिए नरेंद्र मोदी सरकार गरीबों की सेहत सुधारने के प्रयास में लगी है, उसमें वसूली का खेल भी शुरू हो गया है। जिन लाभार्थियों को इस योजना का लाभ मिलना है, उन्हें प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की ओर से पत्र भेजा जा रहा है। इस पत्र के आधार पर लाभार्थी गोल्डेन कार्ड बनवा सकेंगे। इस कार्ड के माध्यम से लाभार्थी परिवार मुफ्त इलाज करा सकेंगे।
प्रधानमंत्री ने 23 सितंबर को आयुष्मान भारत योजना का शुभारंभ किया था। इस योजना के तहत लाभार्थी परिवार के सदस्यों का पांच लाख रुपये तक मुफ्त इलाज किए जाने की व्यवस्था है। इसके लिए जिले में दो लाख 73 हजार 574 लाभार्थी परिवार शामिल किकिए गए हैं। योजना के अनुरूप इन लाभार्थियों को प्रधानमंत्री द्वारा भेजा गया पत्र वितरित तो किया जा रहा है, लेकिन कुछ जगहों पर इसके बदले रुपये वसूल किए जा रहे हैं।
सोरांव विकास खंड के पुराना फाफामऊ निवासी नन्हकू ने बताया कि जो पत्र उन्हें दिया गया है, उसके बदले आंगनबाड़ी कार्यकर्ता द्वारा 80 रुपये लिए गए। उसे यह जानकारी नहीं थी कि इसका कोई शुल्कनहीं लगता है।
ग्रामीण क्षेत्रों में कई लाभार्थियों से 50 से 80 रुपये आंगनबाड़ी कार्यकर्ता आदि द्वारा लिए गए हैं, जबकि इस योजना के तहत लाभार्थी को कार्ड बनवाने से लेकर इलाज तक में कहीं भी कोई शुल्क नहीं देना है।
जिन लाभार्थियों को प्रधानमंत्री का पत्र मिल चुका है वह उसके आधार पर गोल्डेन कार्ड बनवा सकते हैं। यह कार्ड सीएमओ आफिस समेत सभी चयनित प्राइवेट व सरकारी अस्पतालों में मोदी का पत्र दिखाकर बनवाया जा सकता है।
आयुष्मान भारत के लाभार्थियों से कोई शुल्क नहीं लिया जाना है। यदि कोई भी लाभार्थियों से रुपये लेता है तो वह अवैध है। इसकी शिकायत कार्यालय में करें, उस पर कार्रवाई की जाएगी। सभी लाभार्थियों को प्रधानमंत्री द्वारा लिखा गया पत्र वितरित करा दिया गया है।
-डॉ. जीएस बाजपेई, सीएमओ प्रयागराज।