मानवीय भावनाओं को समझने वाला रोबोट तैयार करेगा ट्रिपलआइटी Prayagraj News
आने वाले वर्षों में रोबोट आदमी के जीवन में गुणवत्तापूर्ण परिवर्तन ला सकेंगे। कार ड्राइविंग के लिए रोबोट को विकसित किए जाने की आवश्यकता है।ये दुर्घटनाओं को रोकने में सफल हो सकते है।
प्रयागराज,जेएनएन । भविष्य में रोबोट और मनुष्य एक साथ काम करेंगे। वह मानवीय भावनाओं को भी समझ सकेगा। प्रयागराज के झलवा स्थित भारतीय सूचना प्रौद्योगिकी संस्थान (ट्रिपलआइटी) जल्द ही ऐसा रोबोट तैयार करेगा। इसकी तैयारियों में संस्थान अभी से लग गया है।
ट्रिपलआइटी में दो दिवसीय कार्यशाला
संस्थान में नवस्थापित रोबोटिक्स इंटेलीजेंट केंद्र की ओर से गुरुवार को आयोजित दो दिवसीय कार्यशाला के उद्घाटन सत्र को संबोधित करते हुए निदेशक प्रो. पी नागभूषण ने कहाकि आने वाले वर्षों में रोबोट आदमी के जीवन में गुणवत्तापूर्ण परिवर्तन ला सकेंगे। कार ड्राइविंग के लिए रोबोट को विकसित किए जाने की आवश्यकता है। यह दुर्घटनाओं को रोकने में सफल हो सकते है। उन्होंने आशा जताई कि केंद्र ऐसे रोबोट तैयार करेगा जो स्वास्थ्य देखभाल के क्षेत्र में महत्वपूर्ण भूमिका निभा सकते हैं। उन्होंने प्रतिभागियों से आह्वान किया कि कार्यशाला में वे किसी भी बात का आंख मूंदकर पालन न करें, बल्कि समस्या को चुनौती के रूप में लें। उन्होंने छात्रों से रैंक हासिल करने के लिए सीखने पर ध्यान केंद्रित करने की बात कही। उन्होंने कहाकि वह सेवानिवृत्त होने के बाद महात्मा गांधी पर पीएचडी करना चाहते हैं क्योंकि आज तक जीवन में उन्होंने कुछ भी बड़ा हासिल नहीं किया है।
संज्ञानात्मक कंप्यूटिंग पर शोध कार्य पर प्रकाश डाला
सेंटर ऑफ इंटेलीजेंट रोबोटिक्स केंद्र के प्रभारी प्रो. जीसी नंदी ने इस केंद्र पर विशेष रोबोट बनाए जाने की चर्चा की जो शरीर के महत्वपूर्ण संकेतों को पकडऩे वाले स्मार्ट हेल्थकेयर उपकरणों का उपयोग करेगा। उस का विश्लेषण करने के बाद यह संभावित बीमारियों की भविष्यवाणी करेगा। यूआरवी स्पेन के प्रो. डोमेनेक सैवी पुइग वाल्स ने कुशल आर्टीफिशियल इंटेलीजेंट मॉडल्स और उनके एप्लीकेशन टू-केयर इंफॉर्मेटिक्स के बारे में बात की। प्रोफेसर यूएस तिवारी ने संज्ञानात्मक कंप्यूटिंग पर शोध कार्य पर प्रकाश डाला। प्रोफेसर शिर्सु वर्मा, डॉ. विजेंद्र सिंह ने कहा कि केंद्र का प्रमुख उदेश्य रोबोट और मनुष्यों के साथ बातचीत करने के लिए कृत्रिम बुद्धिमत्ता तकनीकों का उपयोग करना है।