'इंजीनियर-डॉक्टर से पहले बनें एक अच्छा इंसान'
जागरण संवाददाता, इलाहाबाद : शैक्षिक संस्थान एक ऐसा केंद्र है जहां सभी धर्मो के लोग अध्ययन करने
जागरण संवाददाता, इलाहाबाद : शैक्षिक संस्थान एक ऐसा केंद्र है जहां सभी धर्मो के लोग अध्ययन करने आते हैं, जबकि मंदिर में सिर्फ हिन्दू, मस्जिद में मुस्लिम व चर्च में सिर्फ ईसाई ही आते हैं। इसलिए इसकी भूमिका बहुत बड़ी है। छात्र जीवन एक बात का हमेशा ध्यान रखें। इंजीनियर या डॉक्टर बनने से पहले कहीं ज्यादा जरूरी है एक अच्छा इंसान बनना। तभी हम सशक्त-समृद्ध भारत का निर्माण कर सकेंगे। उक्त बातें भारतीय सूचना प्रौद्योगिकी संस्थान (ट्रिपलआइटी) इलाहाबाद के 19वें स्थापना दिवस समारोह में कुवेम्पु विश्वविद्यालय कर्नाटक के पूर्व कुलपति एवं मुख्य अतिथि प्रो. के चिदानंद गौड़ा ने कहीं।
उन्होंने विक्टर ह्यूगो के उस कथन को रेखाकित किया जहां पर स्कूल खोले जाते हैं वहा जेल बंद हो जाती है। सवाल किया कि एक दीपक से कितने दीपक जलाए जा सकते हैं। उसी तरह से छात्रों को अपनी प्रतिभा का उपयोग देश के लिए करना होगा। उन्होंने यूनेस्को द्वारा 21वीं सदी में शिक्षा विषय पर डालस आयोग की सिफारिशों के चार बिन्दुओं, सीखने की इच्छा, कुछ करने का संकल्प, सामंजस्यपूर्ण रहन-सहन व मानव बनने पर प्रकाश डालते हुए इन्हें अपने जीवन में अपनाने की बात कही।
उन्होंने कहा कि 19वीं सदी इंग्लैंड की थी 20वीं सदी अमेरिका की पर 21वीं सदी भारत और चीन की है। चीन उत्पाद बनाने में हमसे आगे है जहा हमे ज्यादा कार्य करना है। उन्होंने प्रधानमंत्री के मेक इन इंडिया कार्यक्रम की सराहना करते हुए छात्रों को इस ओर विशेष बल देने का आह्वान किया। उन्होंने कहा कि साफ्टवेयर के क्षेत्र में हम बहुत आगे हैं इसको और मजबूती प्रदान करने के लिए ट्रिपलआइटी जैसे संस्थानों को कड़ी मेहनत करनी है।
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अधिक से अधिक लगाएं पौधे
पौधरोपण अभियान की चर्चा करते हुए प्रो. चिदानंद ने कहा कि हमें प्रतिदिन 24 घटे में तीन सिलिंडर आक्सीजन की आवश्यकता होती है जिसकी कीमत 2100 रुपये आती है। अत: हम सबको ज्यादा से ज्यादा पेड़ लगाकर ऑक्सीजन पैदा करना है। इससे पूर्व प्रो. पी. नागभूषण संस्थान के निदेशक ने स्थापना दिवस के महत्व को बताते हुए संस्थान के संस्थानों को नमन किया। इस अवसर पर प्रो. जीसी नन्दी प्रो. उमाशकर तिवारी, प्रो अनुपम अग्रवाल एवं प्रो शेखर वर्मा ने संस्थान की स्थापना के उद्देश्य पर प्रकाश डाले। डॉ रजत सिंह ने धन्यवाद ज्ञापित किया। इसके पूर्व कार्यक्रम की शुरुआत सरस्वती मां की प्रतिमा पर माल्यार्पण तथा दीप प्रज्ज्वलन के साथ हुई। जिमखाना के अध्यक्ष सार्थक शर्मा ने भी दीप प्रज्वलन में शामिल रहे। कार्यक्रम के पश्चात मुख्य अतिथि द्वारा पौधरोपण गया। इस अवसर पर संस्थान में 200 पेड़ लगाए गए।
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टेक्नोक्रेट्स के गीत-संगीत ने किया मंत्रमुग्ध
इस अवसर पर छात्रों द्वारा संगीत,नाटक, कवि गोष्ठी, नृत्य की प्रस्तुति देकर उपस्थित श्रोताओं को मंत्रमुग्ध कर दिया। छात्र-छात्राओं द्वारा मधुर संगीत की छह प्रस्तुतिया हुई जिससे सभी का मनमोह लिया। साहित्यिक समिति द्वारा कवि सम्मेलन का आयोजन किया गया जिसमें हास्य कवियों ने छात्रों को खूब ठहाके लगवाए। प्रथम, द्वितीय एवं तृतीय वर्ष के छात्रों द्वारा नृत्य प्रस्तुत किया गया। प्रो. जीसी नन्दी, प्रो. उमाशकर तिवारी तथा प्रो. शेखर वर्मा ने पुरस्कार वितरित किया। ट्रिपलआइटी टेक्नीकल न्यूजलेटर का विमोचन किया गया। प्रो. अनुपम अग्रवाल, अधिष्ठाता वर्ष 2016 और 2017 के लिए एंडॉमेंट पदक की घोषणा की।
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इफरवेसेन्स की वेबसाइट का उद्घाटन
इस अवसर पर इफरवेसेन्स 2017 की वेबसाइट का निदेशक ने उद्घाटन किया गया। साहित्यिक क्लब म्यूजिक क्लब, ड्रॉमैटिक्स क्लब, डास क्लब, एएमएस क्लब, फाइनआर्ट क्लब, जिमखाना अध्यक्ष एवं अन्य पदाधिकारी, अस्मिता, प्लेसमेंट टीम, अपरोक्ष, इफरवेसेन्स के पदाधिकारियों व सदस्यों को पुरस्कृत किया गया। इसके अलावा क्रिकेट, फुटवाल, बास्केटवाल, मैराथनए कैरम, शतरंजए टेबल टेनिस आदि के विजयी खिलाड़ियों को पुरस्कार से अलंकृत किया गया। छात्र जिमखाना के अध्यक्ष सार्थक शर्मा ने छात्रों को संबोधित किया और सचिव ने धन्यवाद ज्ञापित किया।