टैक्स हो कम तो गति पकड़े रियल इस्टेट सेक्टर Prayagraj News
बिल्डर संजीव अग्रवाल का कहना है कि कैपिटल गेंस यानी पूंजी लाभ टैक्स में सिर्फ दो मकान तक छूट का प्रावधान है। इस दायरे को सरकार को बढ़ाना चाहिए। इससे लोग मकान खरीदने में निवेश करें।
प्रयागराज,जेएनएन। आम बजट से रियल इस्टेट सेक्टर से जुड़े लोगों को काफी उम्मीद हैं। इस क्षेत्र से जुड़े कारोबारियों को पूरा भरोसा है कि सुस्त पड़े इस सेक्टर को गति देने के लिए सरकार कोई बड़ा कदम उठाएगी। वित्तमंत्री निर्मला सीतारमण से बिल्डरों की मांग है कि भवन निर्माण सामग्री में टैक्स स्लैब घटाएं। साथ ही पूंजी लाभ (कैपिटल गेंस) टैक्स में भी छूट का दायरा बढ़ाएं। बाजार में तरलता (लिक्विडिटी) बढ़ाने और लोगों के अंदर के भय को खत्म करने के लिए भी सरकार द्वारा प्रभावी निर्णय लिए जाने की आस इन्हें है।
टैक्स के रूप में जमा करते 40 से 50 फीसद राशि
प्रतिष्ठित बिल्डर रितेश पॉल का कहना है कि हाउसिंग की जो कीमत आ रही है। उसमें 40 से 50 फीसद रकम टैक्स जमा करते हैं। 28 फीसद सीमेंट एवं अन्य निर्माण सामग्रियों पर टैक्स देते हैं। 14 फीसद टैक्स जमीन की खरीद-फरोख्त पर देते हैं। इसे रिवाइज करें। जो आवासीय प्रोजेक्ट तैयार हैं, बिक नहीं रहे हैं। सरकार उनको टेकओवर करके बेचे। अन्यथा 10-20 साल में मेंटिनेंस के अभाव में खराब हो जाएंगे।
कैपिटल गेंस टैक्स में छूट का दायरा बढ़ाया जाए
प्रतिष्ठित बिल्डर संजीव अग्रवाल का कहना है कि कैपिटल गेंस यानी पूंजी लाभ टैक्स में सिर्फ दो मकान तक छूट का प्रावधान है। इस दायरे को सरकार को बढ़ाना चाहिए। इससे लोग मकान खरीदने में निवेश करें। इस क्षेत्र के निवेश बढ़ेगा तो रियल इस्टेट सेक्टर बूम करेगा। हाउसिंग लोन ब्याज पर टैक्स छूट की सीमा को भी बजट में बढ़ाए जाने का प्रावधान किया जाना चाहिए। इससे इस सेक्टर में लोगों का रुझान बढ़ेगा।
अनिश्चितता के माहौल को खत्म करे सरकार
प्रतिष्ठित बिल्डर राजेश कुमार गुप्ता का कहना है कि तरलता बढ़ाने के लिए को वृहद स्तर पर देखने की जरूरत है। बैंकों के पास लिक्विडिटी नहीं है। बैंकों को भी गड़बड़ी का खतरा सताता रहता है। हाउस लोन पर ब्याज 7.9 फीसद है, इतना कम कभी नहीं रहा, लेकिन बाजार को लेकर लोगों में जो अनिश्चितता अथवा भय का माहौल है, सरकार को उसे दूर करने के लिए आम बजट में प्रभावी कदम उठाना चाहिए।
रियल इस्टेट को निगेटिव सेक्टर से हटाया जाए
प्रतिष्ठित बिल्डर मयंक जायसवाल का कहना है कि बैंकिंग सेक्टर से रियल इस्टेट को निगेटिव सेक्टर से हटाने का प्रावधान हो। हाउसिंग प्रोजेक्ट लोन की स्वीकृति में जटिलता को सरल बनाने के लिए प्रभावी कदम उठाएं। होम लोन में ब्याज दर पर कमी व निम्न आय वर्ग के लिए होम लोन में आइटीआर की बाध्यता खत्म हो। वस्तु एवं सेवाकर (जीएसटी) में इनपुट क्रेडिट टैक्स (आइटीसी) का लाभ मिलना चाहिए।