पुरानी पेंशन बहाली के लिए प्रयागराज में धरना-प्रदर्शन कर रहे सैकड़ों राज्य कर्मचारी और शिक्षक
धरना स्थल पर कर्मचारी नेताओं ने कहा कि पांच अक्टूबर को मोटरसाइकिल रैली निकालकर मुख्यमंत्री ज्ञापन दिया गया था। लेकिन प्रदेश सरकार ने अब तक उस दिशा में कोई कदम नहीं उठाया। इसलिए अब 28 अक्टूबर को सभी जिला मुख्यालयों प्रदर्शन किया जा रहा है
प्रयागराज, जागरण संवाददाता। पुरानी पेंशन बहाली के लिए आंदोलन जोर पकडता जा रहा है। गुरुवार को पुरानी पेंशन बहाली की मांग करते हुए हजारों कर्मचारी पत्थर गिरजाघर के निकट धरना स्थल पर जुटे और सरकार के खिलाफ कई घंटे तक नारेबाजी की। उन्होंने कहा कि अभी भी सरकार ने उनकी मांग नहीं मानी तो आंदोलन और तेज किया जाएगा। इस आंदोलन में रिटायर कर्मचारियों के साथ अधिकारी भी शामिल हैं। इस जबरदस्त आंदोलन में बडी संख्या में महिला कर्मचारी भी पहुंची हैं।
समितियां तो गठित कीं लेकिन नतीजा रहा शून्य
धरना स्थल पर कर्मचारी नेताओं ने कहा कि पांच अक्टूबर को मोटरसाइकिल रैली निकालकर मुख्यमंत्री ज्ञापन दिया गया था। लेकिन प्रदेश सरकार ने अब तक उस दिशा में कोई कदम नहीं उठाया। इसलिए अब 28 अक्टूबर को सभी जिला मुख्यालयों प्रदर्शन किया जा रहा है। पुरानी पेंशन बहाली अधिकार मंच के संयोजक बीके पांडेय ने कहा कि पिछले कई सालों से पुरानी पेंशन बहाली, शिक्षामित्रों के स्थायीकरण, कर्मचारियों के वेतन विसंगति दूर करने आदि मामलों में समितियां गठित की गई लेकिन उसका परिणाम शून्य रहा। मंच के सहयोगी घटक संघ डिप्लोमा इंजीनियर्स महासंघ के मंडल सचिव बीके राजपूत ने कहा कि जूनियर इंजीनियर को विशिष्ट प्रतिष्ठा प्रदान करते हुए ग्रेड वेतन के उच्चीकरण का शासनादेश विभागाध्यक्ष की संस्तुति के बाद भी जारी नहीं किया गया। उन्होंने कहा कि पेंशन हमारा हक है। पेंशन में बदलाव करके सरकार ने सरकारी कर्मचारियों के साथ धोखा किया है। 2004 के बाद जो भर्तियां हुई है, उसमें भर्ती हुए अधिकारी कर्मचारी पुरानी पेंशन के हकदार नहीं है। उन्हेांने कहा कि पुरानी पेंशन फिर से बहाल की जाय।
कर्मचारियों की उपलब्धियों को छीन रही सरकार
क्षेत्रीय महामंत्री अखिलेश यादव ने कहा कि कर्मचारियों के कैशलेश इलाज की नियमावली बन जाने के बाद भी आज तक लागू नहीं की गई है। कर्मचारियों की उपलब्धियों को सरकार द्वारा छीना जा रहा है। प्रदर्शन करने वालों में श्रीराम सिंह, माधव प्रसाद सिंह, अनुपम सिंह, राजेंद्र सिंह यादव, अरुण पाण्डेय, श्याम सूरत पाण्डेय, प्रकाश यादव, यशवंत राय, पंकज कुमार, रविशंकर मिश्रा, राजेन्द्र बाबू, सुनील यादव, योगेश शुक्ला आदि थे।