उठे सैकड़ों हाथ, खिल उठेगा कंपनी बाग
जासं, इलाहाबाद: वह दिन दूर नहीं, जब चंद्रशेखर आजाद पार्क (कंपनी बाग) का सौंदर्य खिल उठेगा। जागरण
जासं, इलाहाबाद: वह दिन दूर नहीं, जब चंद्रशेखर आजाद पार्क (कंपनी बाग) का सौंदर्य खिल उठेगा। जागरण के पेड़ बचाओ अभियान के तहत सैकड़ों लोग जुड़ चुके हैं। प्रशासन ने भी कंपनी बाग को हरा-भरा करने के लिए नए सिरे से योजना बना रहा है।
स्मार्ट सिटी के तहत इलाहाबाद का विकास शुरू हुआ तो लोगों की खुशी का ठिकाना न रहा। मगर उस समय लोगों को गहरा धक्का लगा कि जब स्मार्ट सिटी के तहत शुरू हुए कार्यो के लिए सैकड़ों पेड़ काट दिए गए। जो पेड़ बचे हैं, उनकी जड़ों को कंक्रीट से जकड़ दिया गया। बीच शहर में स्थित करीब तीन किलोमीटर में फैले चंद्रशेखर आजाद पार्क में कई पेड़ अंतिम सांस ले रहे हैं। वजह है उनकी भी जड़ों को कंक्रीट की परत से जकड़ दिया जाना। इस कारण पांच दर्जन दुर्लभ पुष्पों की प्रजातियों की नर्सरी वाले आजाद पार्क की हरियाली खतरे में नजर आ रही है। इसे लेकर दैनिक जागरण ने मुहिम छेड़ा और अब इसका असर दिखना शुरू हो गया है। प्रशासन भी इस पर विचार कर रहा है कि किस तरह पेड़ों की सुरक्षा और कंपनी बाग की सुंदरता को लेकर कदम उठाए जाएं। चंद्रशेखर आजाद पार्क के दोनों तरफ मुख्य मार्ग में करीब 120 पेड़ ऐसे हैं, जो काफी पुराने हो चुके हैं। बरसों पुराने अशोक, नीम, कदंब आदि के कई पेड़ सूख रहे हैं। सवाल उठता है कि आक्सीजन देने वाले इन पेड़ों के साथ हुए अन्याय के लिए कौन जिम्मेदार है। प्रशासन, संबंधित विभाग या हम नागरिक भी बराबर के दोषी हैं। जिन पेड़ों की घनी छांव में हम राहत की सांस लेते हैं, उनके साथ होते अन्याय को हम कैसे सहन कर लेते हैं। इस ऐतिहासिक पार्क में प्रतिदिन सुबह-शाम बुद्धिजीवियों का जमावड़ा लगता है। उन्होंने भी कभी इस ओर ध्यान नहीं दिया। हालांकि अब मार्निग वार्कस एसोसिएशन व रिटायर्ड आइएएस अधिकारी आरएस वर्मा एवं रिटायर्ड अपर आबकारी आयुक्त केएस यादव जैसे लोगों ने जागरण अभियान को आगे बढ़ाने का संकल्प लिया है।
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सोलह वेरायटी से महकेगा चंद्रशेखर आजाद पार्क
जागरण ने इसी के तहत अभियान चलाया है। हालांकि एक सुखद एहसास भरने वाली खबर यह है कि उद्यान विभाग अब जागरण की मुहिम से प्रेरित हुआ है। चंद्रशेखर आजाद पार्क स्थित उद्यान के अधीक्षक उमेश उत्तम जागरण की मुहिम को सार्थक दिशा में उठाया गया कदम बताते हैं। उन्होंने बताया कि इस मुहिम को लेकर उन्होंने एक प्लान तैयार किया है। कंपनी बाग को सजाने के लिए सबसे पहले उन पुष्पों के उन सोलह वेरायटी के पौधों की नर्सरी तैयार करानी होगी, जो घने व छायादार पौधों के नीचे भी पुष्पवित होने की क्षमता रखते हैं। इस तरह की नर्सरी की शुरुआत हो चुकी है और इसे व्यापक रूप देना बाकी है। जून में बारिश की शुरुआत होते ही नर्सरी से तैयार पौधों को कंपनी बाग की चहारदीवारी के चारों तरफ लगाया जाएगा।
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चंद्रशेखर आजाद पार्क :
स्थापना वर्ष : 1870
कुल परिक्षेत्र : 84 हेक्टेयर
कुल कर्मचारियों की संख्या : 210
स्थापित नर्सरियां : 4
ग्लास हाउस : 3
नर्सरी से सालाना आमदनी : 4 लाख
टिकट मूल्य : 5रुपये प्रति व्यक्ति
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कंपनीबाग के भीतर के संस्थान
-चंद्रशेखर आजाद स्मारक
-विक्टोरिया स्मारक
-प्रयाग संगीत समिति
-मदन मोहन मालवीय स्टेडियम
-इलाहाबाद संग्रहालय
-थार्नहिल माइने स्मारक
-¨हदुस्तानी अकादमी