प्रयागराज में चार लोगों की हत्या मामले को मानवाधिकार आयोग ने संज्ञान में लिया, एसएसपी से मांगी रिपोर्ट
फाफामऊ थाना क्षेत्र के एक गांव में अधेड़ उसकी पत्नी 17 वर्षीय पुत्री और 13 वर्ष के पुत्र की कुल्हाड़ी से मारकर हत्या कर दी गई थी। किशोरी से सामूहिक दुष्कर्म भी किया गया था। इस मामले को मानवाधिकार आयोग ने संज्ञान में लिया है।
प्रयागराज, जागरण संवाददाता। प्रयागराज के फाफामऊ में दलित किशोरी के साथ सामूहिक दुष्कर्म के बाद पूरे परिवार की हत्या की घटना को उत्तर प्रदेश मानवाधिकार आयोग लखनऊ ने शुक्रवार को स्वत संज्ञान में लिया है। दैनिक जागरण में प्रकाशित खबर का हवाला दिया गया है। इस तरह की घटना को मानवाधिकार का हनन माना है। मानवाधिकार आयोग के अध्यक्ष बालकृष्ण नारायण ने एसएसपी से तीन दिन के भीतर रिपोर्ट मांगी है। साथ ही एसएसपी को खुद इस वारदात की जांच करने को कहा है।
फाफामऊ थाना प्रभारी व सिपाही निलंबित किए गए हैं
बता दें कि फाफामऊ थाना क्षेत्र के एक गांव में मंगलवार रात अधेड़ उसकी पत्नी 17 वर्षीय पुत्री और 13 वर्ष के पुत्र की कुल्हाड़ी से मारकर हत्या कर दी गई थी। किशोरी से सामूहिक दुष्कर्म भी किया गया था। पुलिस ने सामूहिक दुष्कर्म और हत्या समेत कई धाराओं में मुकदमा दर्ज किया है। मामले में लापरवाही बरतने पर फाफामऊ थाना प्रभारी रामकेवल पटेल और सिपाही सुशील सिंह को गुरुवार को ही निलंबित कर दिया गया था। घटना में और कौन पुलिस कर्मी दोषी हैं उनकी पहचान की जा रही है।
आबादी की भूमि का विवाद
फाफामऊ थाना क्षेत्र में हुई घटना के पीछे आबादी की जमीन का विवाद बताया जा रहा है। वर्षों पहले शुरू हुए इस विवाद की नींव 2019 में पड़ी थी। मृत अधेड़ के पक्ष ने आकाश सिंह के घरवालों के खिलाफ मारपीट, धमकी समेत कई धाराओं में मुकदमा दर्ज कराया था। उसके बाद विवाद थोड़े समय के लिए थमा रखा, लेकिन दोनों पक्षों के बीच तनातनी बनी रही।
पुलिस पर लापरवाही का लगा आरोप
गुरुवार को घटना के बाद मृतक के भाइयों ने पुलिस पर लापरवाही का आरोप लगाया था। कहा कि पुलिस ने शुरू से ही मामले में लापरवाही बरती। चकरोड पर आकाश सिंह पक्ष के लोग कब्जा करते रहे। निर्माण कार्य कराते रहे। एसडीएम ने भी फाफामऊ पुलिस को कार्रवाई के लिए निर्देश दिया, लेकिन पुलिस ने कोई कदम नहीं उठाया। उल्टा उनको ही फटकार मिलती रही। साफ कहा कि चार लोगों की हत्या पुलिस की ही लापरवाही का नतीजा है।