जीएसटीएन नंबर ही नहीं हुए ठीक तो कैसे मिलेगा लाभ
जीएसटी की तमाम विसंगतियां दूर न होने से व्यापारी परेशान हैं। जीएसटीएन नंबर नहीं ठीक होने से उन्हें आइटीसी का लाभ नहीं मिल पा रहा है।
प्रयागराज : गुड्स एवं सेवा कर (जीएसटी) की तमाम विसंगतियां अब तक दूर नहीं हो सकी हैं, जिसका खामियाजा व्यापारियों को भुगतना पड़ रहा है। जीएसटी के लागू होने पर व्यापारियों को जीएसटीएन नंबर जारी हुए थे, लेकिन बहुत से व्यापारियों के जीएसटीएन नंबर मिस मैच (गड़बड़) हो गए थे। वह नंबर अब तक ठीक नहीं हो सके। लिहाजा, व्यापारियों को इनपुट क्रेडिट टैक्स (आइटीसी) का लाभ नहीं मिल सका है।
जीएसटीएन नंबर गड़बड़ मिलने पर व्यापारियों ने उसे ठीक करने के लिए वाणिज्य कर विभाग में आवेदन किए, लेकिन जीएसटीएन नंबर संशोधित नहीं हो सके। इस समस्या की जानकारी तत्कालीन कमिश्नर को हुई तो उन्होंने उसी समय एक सर्कुलर जारी किया कि जिन व्यापारियों का जीएसटीएन नंबर संशोधित नहीं हो पा रहा है। ऐसे व्यापारी तीन महीने तक उस जीएसटीएन नंबर पर खरीद और बिक्री कर सकते हैं। उसका आइटीसी लाभ भी मिलेगा। लेकिन व्यापारियों को आइटीसी का लाभ अब तक नहीं मिल सका है।
व्यापारी वाणिज्य कर विभाग के अधिकारियों के चक्कर लगा रहे हैं, लेकिन विभाग इस बारे में कोई विकल्प व्यापारियों को नहीं दे पा रहा है। इससे उनकी मुश्किलें बढ़ती जा रही हैं। कमिश्नर द्वारा दिया गया संशोधन ऑप्सन भी इस महीने खत्म होने जा रहा है। ऐसे में व्यापारियों को आइटीसी का लाभ मिलने की संभावना भी खत्म होती जा रही है।
उत्तर प्रदेश व्यापार कल्याण समिति के प्रदेश संयोजक संतोष पनामा और प्रदेश अध्यक्ष सतीश केसरवानी का कहना है कि इस बारे में अधिकारियों को कई बार लिखित पत्र भी दिया गया, लेकिन समस्या का समाधान नहीं हो सका।