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ED के रडार पर हैं कोरोना मरीजों से धन उगाही करने वाले प्रयागराज से गोरखपुर तक के अस्पताल

दूसरी लहर में आपदा को अवसर मानकर धन उगाही करने वाले अस्पताल अब प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) के रडार पर आ गए हैं। प्राणरक्षक दवाओं इंजेक्शन की कालाबाजारी करने और कोविड की आड़ में भ्रष्टाचार करने वालों पर शिकंजा कसा जाएगा।

By Ankur TripathiEdited By: Published: Tue, 08 Jun 2021 12:17 PM (IST)Updated: Tue, 08 Jun 2021 12:17 PM (IST)
ED के रडार पर हैं कोरोना मरीजों से धन उगाही करने वाले प्रयागराज से गोरखपुर तक के अस्पताल
कालाबाजारी करने वालों पर होगा मनी लांंड्रिंग का केस, प्रयागराज से गोरखपुर तक जुटाई जा रही है जानकारी

प्रयागराज, जेएनएन। महामारी कोरोना की दूसरी लहर में आपदा को अवसर मानकर धन उगाही करने वाले अस्पताल अब प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) के रडार पर आ गए हैं। प्राणरक्षक दवाओं, इंजेक्शन की कालाबाजारी करने और कोविड की आड़ में भ्रष्टाचार करने वालों पर शिकंजा कसा जाएगा। इसके लिए ईडी प्रयागराज की टीम फतेहपुर से लेकर गोरखपुर जिले तक में अपने स्तर पर छानबीन कर रही है। जांच के बाद संबंधित व्यक्ति और संस्थान के संचालकों पर मनी लांड्रिंग का केस दर्ज करते हुए कड़ी कार्रवाई की जाएगी।

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पुलिस और स्वास्थ्य विभाग के साथ जांच

सूत्रों का कहना है कि उच्चाधिकारियों के निर्देश पर ईडी ने यह कदम उठाया है। अब पुलिस और स्वास्थ्य विभाग की मदद से यह पता लगाया जा रहा है कि कोरोना के पीक टाइम पर किन-किन अस्पताल, नर्सिंग होम, मेडिकल स्टोर और दवा कारोबार से जुड़े लोगों के खिलाफ शिकायतें आई थीं। बताया गया कि आरटी पीसीआर की जांच करने, अस्पताल में बेड, आइसीयू, वेंटिलेटर उपलब्ध कराने व जीवन रक्षक दवा व इंजेक्शन के नाम पर बड़े स्तर पर धन उगाही की गई थी। ऑक्सीजन सिलिंडर, एंबुलेंस के लिए भी मनमाने ढंग से पैसा वसूला गया था।

ओझा हॉस्पिटल के खिलाफ हुआ है केस

जार्जटाउन थाने में ओझा हॉस्पिटल के संचालक डा. एलएस ओझा के खिलाफ एपेडमिक डिजीज एक्ट व महामारी अधिनियम के तहत मुकदमा दर्ज हुआ था। ईडी ऐसे अस्पताल, नर्सिंग होम के बारे में भी तफ्तीश कर रही है, जिनके खिलाफ केस लिखे गए हैं। सूत्रों का दावा है प्रयागराज की टीम अपने कार्यक्षेत्र के 30 जिलों में इस संबंध में जानकारी जुटा रही है।

पीडि़त व्यक्ति कर सकते हैं शिकायत

कोरोना पीडि़त व्यक्ति और उसके स्वजनों से अगर किसी ने इलाज के नाम पर मनमाना पैसा लिया तो वह ईडी दफ्तर में लिखित शिकायत दे सकते हैं। उनकी शिकायत के आधार पर भी जांच की जाएगी और फिर नियमानुसार कार्रवाई की जाएगी। तमाम ऐसे भी लोग हैं, जिन्होंने स्वास्थ्य विभाग से शिकायत की थी, लेकिन मदद नहीं मिली थी।


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