...ये है प्रतापगढ़ शहर की ट्रैफिक व्यवस्था, होमगार्डों व पीआरडी जवानों ने संभाला है कमान, सिग्नल भी नहीं
प्रतापगढ़ सिटी में यातायात पुलिस की संख्या पर्याप्त नहीं है। इस कारण होमगार्डों और पीआरडी जवानों ने यातायात व्यवस्था को संभाल रखी है। जिले में ट्रैफिक सिग्नल भी नहीं हैं।
प्रतापगढ़, जेएनएन। जिले में यातायात व्यवस्था लचर ही नजर आती है। शहर में ट्रैफिक व्यवस्था होमगार्डों के कंधों पर है। होमगार्डों और पीआरडी जवानों ने यातायात व्यवस्था संभाल रखी है। ऐसा इसलिए क्योंकि यहां ट्रैफिक पुलिस की कमी जो है। वहीं चौराहों पर ट्रैफिक सिग्नल की भी व्यवस्था नहीं है। ऐसे में यातायात व्यवस्था को सुचारु रूप से बनाए रखना किसी चुनौती से कम नहीं है।
चौराहों पर ट्रैफिक सिग्नल भी नहीं
बीच शहर से होकर प्रयागराज और अयोध्या धार्मिक नगरी को जोडऩे वाले प्रमुख हाईवे गुजरा है। इसके साथ ही शहर में चौक, निर्मल तिराहा, भंगवा चुंगी, राजापाल टंकी, ट्रेजरी, गाजी, आंबेडकर, सदर मोड़ सहित आधा दर्जन से अधिक प्रमुख चौराहे हैं। शहर में अभी तक चौराहों पर ट्रैफिक सिग्नल भी नहीं लगाए जा सके हैं।
ट्रैफिक सिपाहियों की संख्या भी कम है
जिले में ट्रैफिक पुलिस का जो पद सृजित किया है, वह पर्याप्त नहीं है। इसके सापेक्ष सिपाहियों की संख्या भी कम है। सृजित पद 10 की अपेक्षा चार सिपाही ही यहां तैनात हैं। ऐसे में चौराहों पर यातायात व्यवस्था संभालने के लिए होमगार्डों और पीआरडी के जवानों का सहयोग लिया जा रहा है।
दोपहर में वाहनों का आवागमन अधिक रहता है
दिन में सबसे अधिक वाहनों का आवागमन भंगवा चु्ंगी, चौक, सदर मोड़, राजापाल टंकी, ट्रेजरी चौराहा पर रहता है। इसलिए इन चौराहों पर अधिक संख्या में होमगार्डों की ड्यूटी लगाई जाती है। लॉकडाउन में इनका काम और बढ़ गया है। ट्रैफिक व्यवस्था को सुचारू बनाने के साथ ही बिना काम के निकलने वाले लोगों की बाइक का ऑनलाइन चालान भी काट रहे हैं।
ट्रैफिक रूल्स का उल्लंघन करने वालों पर होती है कार्रवाई
हेलमेट व मास्क न लगाने वाले कम से कम 50 लोगों की बाइक का रोज चालान हो रहा है। ई-चालान किए जाने से पुलिस कर्मियों पर सिफारिश का दबाव कम हो गया है। ट्रैफिक पुलिस की संख्या कम होने के कारण पद और बढ़ाने के लिए मुख्यालय से लिखा-पढ़ी की गई है।
बोले, सीओ सिटी
इस बारे में सीओ सिटी अभय पांडेय का कहना है कि यातायात सुचारू बनाने के लिए प्रमुख चौराहों पर ट्रैफिक पुलिस के साथ होमगार्ड व पीआरडी के जवान मुस्तैद रहते हैं।