डिजिटल राशन कार्ड की एजेंसी के नाम पर हिस्ट्रीशीटर आलोक ने प्रयागराज समेत कई जिलों ठगे थे करोड़ों रुपये
प्रतापगढ़ के लालगंज थाना क्षेत्र इटौरी गांव निवासी सत्येंद्र नाथ मिश्रा के बेटे आलोक को बुधवार रात जोनल की सर्विलांस टीम व लालगंज पुलिस ने गिरफ्तार किया था। पूछताछ में पता चला कि धर्मा इंटरप्राइजेज के साथ मिलकर आलोक मिश्रा पिछले पांच साल से धोखाधड़ी कर रहा है
प्रयागराज, जेएनएन। खुद को एक विधायक का रिश्तेदार बताने वाले हिस्ट्रीशीटर आलोक मिश्रा ने डिजिटल राशन कार्ड की एजेंसी देने के नाम पर तमाम लोगों से करोड़ों रुपये की ठगी की है। उसके खिलाफ लखनऊ, प्रतापगढ़ और प्रयागराज थाने में धोखाधड़ी से लेकर हत्या तक के मुकदमे दर्ज हैं। अब इस शातिर के खिलाफ पुलिस गैंगस्टर लगाएगी और फिर उसकी अवैध रूप से अर्जित चल व अचल संपत्तियों को जब्त करने की कार्रवाई करेगी।
जोनल सर्विलांस टीम व लालगंज पुलिस ने गिरफ्तार किया
प्रतापगढ़ के लालगंज थाना क्षेत्र इटौरी गांव निवासी सत्येंद्र नाथ मिश्रा के बेटे आलोक को बुधवार रात जोनल की सर्विलांस टीम व लालगंज पुलिस ने गिरफ्तार किया था। पूछताछ में पता चला कि धर्मा इंटरप्राइजेज के साथ मिलकर आलोक मिश्रा पिछले पांच साल से धोखाधड़ी कर रहा है। उसने यूपी और उत्तराखंड के तमाम लोगों को डिजिटल राशन कार्ड बनाने की एजेंसी देने के नाम पर करीब चार करोड़ रुपये की ठगी है। एक शख्स से 10 से 15 लाख रुपये लेते थे। ठगी के शिकार अंकित सिंह ने आलोक के खिलाफ लखनऊ के गाजीपुर थाने में वर्ष 2016 में धोखाधड़ी का मुकदमा कराया था। इसके बाद प्रतापगढ़ में कुछ युवकों को नौकरी दिलाने के नाम पर ठगा था और फिर पैसा वापस मांगने पर उनसे मारपीट की थी। प्रयागराज के सिविल लाइंस में धोखाधड़ी के दो और धूमनगंज में हत्या का मुकदमा इसके खिलाफ दर्ज है।
आइजी का है यह कहना
प्रयागराज के आइजी रेंज केपी सिंह ने बताया कि धोखाधड़ी करके ही इसने करोड़ों रुपये कमाए और फिर गांव में करीब डेढ़ करोड़ रुपये का आलीशान मकान बनवाया, जबकि इसके पास मात्र डेढ़ बीघा खेत है। ठगी के पैसे ही इसने प्रापर्टी डीलिंग भी शुरू कर दी थी। अब इसके खिलाफ गैंगस्टर का मुकदमा कायम कर आगे की कार्रवाई की जाएगी। आइजी ने अभियुक्त को गिरफ्तारी पर टीम को 50 हजार रुपये इनाम देने की भी घोषणा की है।