हाई कोर्ट ने जल निगम में जेई पद पर चयनित अभ्यर्थियों की नियुक्ति रद करने पर किया जवाब तलब
इलाहाबाद हाई कोर्ट में उत्तर प्रदेश जल निगम के जूनियर इंजीनियर के 853 पदों चयनित अभ्यर्थियों की नियुक्ति रद करने के खिलाफ याचिका दाखिल की गई है।
प्रयागराज, जेएनएन। इलाहाबाद हाई कोर्ट में उत्तर प्रदेश जल निगम के जूनियर इंजीनियर के 853 पदों चयनित अभ्यर्थियों की नियुक्ति रद करने के खिलाफ याचिका दाखिल की गई है। याचिका पर कोर्ट ने प्रदेश सरकार से जवाब मांगा है। यह आदेश न्यायमूर्ति जेजे मुनीर ने सुधीर कुमार गुप्त व अन्य की याचिका पर दिया है। याचिका पर अगली सुनवाई नौ जुलाई को होगी। याचियों का कहना है कि चयन रद करने से पूर्व उनको सुनवाई का मौका नहीं दिया गया।
याची अधिवक्ता ने कोर्ट से कहा कि जूनियर इंजीनियर भर्ती का चयन परिणाम एक जुलाई, 2017 को जारी हुआ। याचीगण उसमें सफल घोषित किए गए। इसके बाद उन्हें नियुक्ति मिल गई। वह वर्तमान में विभिन्न जिलों में तैनात हैं। इसी बीच अंतिम उत्तरकुंजी के कुछ प्रश्नों को लेकर हाई कोर्ट में याचिका दाखिल की गई। कोर्ट ने विभाग को याचीगण की शिकायतों पर विचार कर निर्णय लेने का निर्देश दिया।
इस आदेश के परिपेक्ष्य में विभाग ने पूरा चयन परिणाम निरस्त करते हुए याचीगण की नियुक्तियां रद कर दी। ऐसा करने से पूर्व याचियों को न तो कोई नोटिस दी गयी और न ही उनको अपना पक्ष रखने का अवसर दिया गया। यह भी नहीं बताया गया कि चयन परिणाम दूषित होने में याचीगण कैसे उत्तरदायी हैं? भर्ती परीक्षा मेसर्स अपटेक ने कराई थी। शिकायत की जांच ट्रिपल आइटी प्रयागराज से कराई गई। जांच रिपोर्ट में कहा गया है कि अपटेक ने डाटा सुरक्षित नहीं रखा और न क्लाउड सर्वर तैयार किया, जबकि अपटेक का कहना है कि डाटा सीडी और पेनडाइव में सुरक्षित है। करार में क्लाउड सर्वर तैयार करने की कोई शर्त नहीं थी।