हाई कोर्ट ने GSVM मेडिकल कॉलेज कानपुर की पूर्व प्राचार्य के खिलाफ याचिका पर सरकार से मांगी जानकारी
इलाहाबाद हाई कोर्ट में जीएसवीएम मेडिकल कॉलेज कानपुर नगर की पूर्व प्राचार्य डॉ. आरती लाल चंदानी के खिलाफ कार्रवाई की मांग को लेकर याचिका दाखिल की गई है।
प्रयागराज, जेएनएन। इलाहाबाद हाई कोर्ट में जीएसवीएम मेडिकल कॉलेज कानपुर नगर की पूर्व प्राचार्य डॉ. आरती लाल चंदानी के खिलाफ कार्रवाई की मांग को लेकर याचिका दाखिल की गई है। जून माह में वायरल हुए वीडियो को लेकर यह याचिका दाखिल की गई है, जिसमें डॉ. चंदानी को तबलीगी मुसलमानों को आतंकवादी कहते हुए कोरोना इलाज के बजाय जेल में बंद करके प्रताड़ित करने की बात कहते हुए दिखाया गया है। कोर्ट ने याचिका पर राज्य सरकार से जानकारी मांगी है।
यह आदेश मुख्य न्यायाधीश गोविंद माथुर व न्यायमूर्ति एसडी सिंह की खंडपीठ ने इंडियन मुस्लिम फार प्रोग्रेस एंड रिफार्म नई दिल्ली की जनहित याचिका पर दिया है। याचिका पर अगली सुनवाई 20 जुलाई को होगी। याची अधिवक्ता कासिफ अब्बास रिजवी का कहना है कि मेडिकल कॉलेज के प्राचार्य के विचारों का अध्यापकों व छात्रों पर व्यापक असर पड़ता है। जून माह में वायरल हुए वीडियो को लेकर यह याचिका दाखिल की गयी है। वीडियो में डॉ. चंदानी को तबलीगी मुसलमानों को आतंकवादी कहते हुए कोरोना इलाज के बजाय जेल में बंद करके प्रताड़ित करने की बात कहते हुए दिखाया गया है। इसके बाद उन्हें महानिदेशक चिकित्सा शिक्षा लखनऊ कार्यालय से संबद्ध कर दिया गया है। याची का कहना है कि सरकार उनके ऊपर कड़ी कार्रवाई करने से बच रही है। वहीं, सरकार की तरफ से समय मांगा गया है।
यह है पूरा मामला : मेडिकल कॉलेज के हैलट अस्पताल के कोविड-19 हॉस्पिटल के आइसोलेशन वार्ड में चार अप्रैल को तब्लीगी जमात सदस्यों के कोरोना पॉजिटिव आए सदस्यों को भर्ती कराया गया था। वार्ड में भर्ती होने के बाद जमात के सदस्यों पर डॉक्टरों तथा पैरामेडिकल स्टॉफ को सहयोग नहीं करने, दवाएं नहीं खाने और वार्डों में गंदगी फैलाने के भी आरोप लगे थे। अस्पताल प्रशासन की ओर से दिए जाने वाला भोजन फेंकने तथा कर्मचारियों से अभद्रता की बातें सामने आईं थीं। उस समय मेडिकल कॉलेज की प्राचार्य ने इलाज में सहयोग नहीं करने पर जमातियों पर नाराजगी जताते हुए मीडिया में बयान दिया था। स्टिंग के दौरान तब्लीगी जमातियों पर अभद्र टिप्पणी करने वाला वीडियो दो माह बाद सोशल मीडिया पर वायरल हुआ था। इस पर उनका चौतरफा विरोध शुरू हो गया था। समाज विशेष के प्रतिष्ठित लोगों समेत पूर्व मुख्यमंत्री एवं सपा प्रमुख अखिलेश यादव ने मुख्यमंत्री एवं राज्यपाल से कार्रवाई की मांग उठाई। इसके बाद उनको जीएसवीएम मेडिकल कॉलेज के प्राचार्य पद से हटा दिया गया।