UP TET 2019 में आर्थिक पिछड़े अभ्यर्थियों को आरक्षण का लाभ नहीं देने पर हाई कोर्ट ने सरकार से मांगा जवाब
हाई कोर्ट में कहा गया है कि राज्य सरकार की ओर से जारी यूपी टीईटी 2019 के विज्ञापन में आर्थिक रूप से पिछड़े अभ्यर्थियों के लिए आरक्षण की व्यवस्था नहीं की गई है।
प्रयागराज, जेएनएन। इलाहाबाद हाई कोर्ट ने राज्य सरकार से उत्तर प्रदेश शिक्षक पात्रता परीक्षा (UP TET 2019) में आर्थिक पिछड़े अभ्यर्थियों को 10 प्रतिशत आरक्षण का लाभ नहीं देने पर जानकारी मांगी है।
यह आदेश न्यायमूर्ति नीरज तिवारी ने विनय कुमार पांडेय व अन्य की याचिका पर दिया है। इस मामले में अगली सुनवाई के लिए 14 नवंबर की होगी। याचिका में कहा गया है कि संसद ने संविधान के 103वें संशोधन के माध्यम से आर्थिक रूप से पिछड़ा वर्ग के लिए भी 10 प्रतिशत आरक्षण की व्यवस्था की है। इसकी अधिसूचना भी 18 फरवरी 2019 को जारी की जा चुकी है और कानून भी प्रभाव में आ चुका है। इसके बावजूद राज्य सरकार की ओर से जारी यूपी टीईटी 2019 के विज्ञापन में आर्थिक रूप से पिछड़े अभ्यर्थियों के लिए आरक्षण की व्यवस्था नहीं की गई है, जबकि अनुसूचित जाति/अनुसूचित जनजाति, अन्य पिछड़ा वर्ग और विशेष आरक्षित वर्गों को न्यूनतम अंक में पांच प्रतिशत की छूट प्रदान की गई है।
कहा गया है कि राज्य सरकार की ओर से जारी यह विज्ञापन 18 फरवरी 2019 को जारी अधिसूचना के विपरीत है। याचिका के अनुसार यूपी टीईटी 2019 के लिए आवेदन प्रक्रिया प्रारंभ हो चुकी है। आवेदन की अंतिम तारीख 20 नवंबर 2019 है। ऐसे में अभ्यर्थियों को दिक्कत का सामना करना पड़ रहा है। वह स्वयं का भविष्य अंधकारमय पा रहे हैं।
यूपी टीईटी के लिए अब तक साढ़े पांच लाख पंजीकरण
यूपी टीईटी 2019 के लिए अब तक करीब साढ़े पांच लाख पंजीकरण हो गए हैं। इस पर परीक्षा संस्था ने दावेदारों से कहा है कि अंतिम तारीख बढ़ेगी नहीं। इसलिए तय समय में प्रक्रिया पूरी कर लें, अन्यथा अपूर्ण आवेदन निरस्त कर दिए जाएंगे और कोई प्रत्यावेदन मान्य नहीं होगा। पंजीकरण व आवेदन की प्रगति धीमी है। जिन अभ्यर्थियों ने आवेदन की प्रक्रिया पूर्ण करके फाइनल प्रिंट नहीं निकाला है या फिर अब तक आवेदन नहीं किया है, वे हर हाल में 20 नवंबर तक आवेदन अंतिम रूप से पूर्ण कर लें और प्रिंट निकाल लें, अन्यथा उनके आवेदन अपूर्ण होंगे और अंतिम तारीख में बढ़ोतरी नहीं होगी। अधूरे आवेदनपत्रों को अपूर्ण मानते हुए निरस्त किया जाएगा, इसकी जिम्मेदारी अभ्यर्थी की ही होगी।