जौहर विवि को लेकर हाईकोर्ट सख्त, आजम खां सहित केंद्र व राज्य सरकार को नोटिस
इलाहाबाद हाईकोर्ट ने मौलाना जौहर विश्वविद्यालय के चांसलर आजम खां सहित केंद्र व राज्य सरकार से जवाब तलब किया है।
इलाहाबाद (जेएनएन)। अखिलेश यादव सरकार में कैबिनेट मंत्री रहे आजम खां के मौलाना जौहर विश्वविविद्यालय को लेकर इलाहाबाद हाईकोर्ट बेहद सख्त तथा गंभीर है। मौलाना जौहर विश्वविविद्यालय, रामपुर के मामले में कोर्ट ने आजम खां के साथ केंद्र तथा राज्य सरकार को नोटिस जारी किया है।
इलाहाबाद हाईकोर्ट ने मौलाना जौहर विश्वविद्यालय के चांसलर आजम खां सहित केंद्र व राज्य सरकार से जवाब तलब किया है। कोर्ट ने मौलाना जौहर विश्वविद्यालय में सरकारी वीआईपी गेस्ट हाउस, झील, कोशी नदी किनारे तक विश्वविद्यालय की बाउंड्री वॉल के साथ ही करोड़ों के सरकारी धन पर विश्वविद्यालय के नियंत्रण मामले में नोटिस भेजा है।
इलाहाबाद हाईकोर्ट के चीफ जस्टिस न्यायमूर्ति डीबी भोसले व न्यायमूर्ति यशवंत वर्मा ने सरकार से पूछा पिछले एक वर्ष में कितने वीआईपी गेस्ट हाउस में रुके। मौलाना जौहर विश्वविद्यालय की जमीन कितनी है। सरकार ने गेस्ट हाउस आदि बनाने में कितना खर्च किया धन। इसके साथ ही कोर्ट ने सरकार की गठित एसआइटी को इस विश्वविद्यालय में अनियमितता की जांच जारी रखने की छूट भी दी है।
कोर्ट ने कहा कि सरकारी धन के बड़े दुरुपयोग के कारण मामला बेहद गंभीर है। कोर्ट ने कहा कि कोई भी प्राइवेट संस्था किसी भी सरकारी संपत्ति पर अपना नियंत्रण नहीं कर सकती है। इसके साथ ही कोर्ट ने कई मामले में मौलाना जौहर विश्वविद्यालय चांसलर आजम खां से भी जवाब मांगा है। पूर्व जिला पंचायत अध्यक्ष, रामपुर ने इलाहाबाद हाईकोर्ट में जनहित याचिका दायर की है।