लॉकडाउन के दौरान में घर से बेदखल करने पर हाई कोर्ट गंभीर, अलीगढ़ के नगर आयुक्त को दी चेतावनी
अलीगढ़ में निषेधाज्ञा के बावजूद लॉकडाउन की अवधि में नगर निगम ने मकान से बेदखल कर दिया। हाई कोर्ट ने ऐसी कार्रवाई को अवमानना करार दिया है।
प्रयागराज, जेएनएन। इलाहाबाद हाई कोर्ट ने बेदखली आदेशों पर रोक को सामान्य समादेश से लॉकडाउन के दौरान कोर्ट नहीं चलने के कारण बढ़ा दिया है। एक मामले में निषेधाज्ञा के बावजूद लॉकडाउन की अवधि में नगर निगम अलीगढ़ ने मकान से बेदखल कर दिया। हाई कोर्ट ने ऐसी कार्रवाई को अवमानना करार दिया है। कोर्ट ने नगर निगम अलीगढ़ के नगर आयुक्त को निर्देश दिया है कि वह याची को मकान का कब्जा वापस सौंपे और उसकी रिपोर्ट कोर्ट में दाखिल करें। कोर्ट ने स्पष्ट चेतावनी दी है कि यदि वे ऐसा नहीं करते हैं तो अदालत उन्हें अवमानना के आरोप में दंडित करेगी।
अलीगढ़ के गयूर अहमद की अवमानना याचिका पर यह आदेश न्यायाधीश एमसी त्रिपाठी ने दिया है। याची का पक्ष रख रहे वरिष्ठ अधिवक्ता अनूप त्रिवेदी का कहना है कि याची ने सिविल लाइंस, लाल डिग्गी के मलकह नगर में 252.40 स्क्वायर मीटर का प्लाट फ्री-होल्ड कराया था, जिसे लेकर सिविल कोर्ट में विवाद चल रहा है। याची के पक्ष में अपर जिला जज ने निषेधाज्ञा आदेश पारित किया है। इस बीच लॉकडाउन हो गया। सुप्रीम कोर्ट और हाईकोर्ट ने सामान्य आदेश जारी कर कहा है कि लॉकडाउन के दौरान सभी अदालतों द्वारा जारी अंतरिम आदेश लागू रहेंगे। कोर्ट ने इस अवधि में बेदखली आदि की कार्रवाई नहीं करने का भी निर्देश दिया है।
बावजूद इसके चार जून 2020 को नगर आयुक्त और उनके मातहत अधिकारी तथा कर्मचारी याची के घर पहुंचे और ताला तोड़कर मकान पर कब्जा कर लिया। याची उस समय सब्जी खरीदने गया था। लौटने पर उसने पाया कि घर का सारा सामान सड़क पर पड़ा है और मकान पर नगर निगम के अधिकारियों ने कब्जा कर लिया है। कोर्ट ने कहा की प्रथम दृष्टया यह मामला अदालत की अवमानना का है। नगर निगम अलीगढ़ को निर्देश दिया है कि अगली तारीख 27 जुलाई से पूर्व वह अपनी गलती सुधार ले।