झांसी के पुष्पेंद्र यादव फर्जी मुठभेड़ केस में आदेश की अवहेलना पर हाई कोर्ट गंभीर, एसएसपी को कारण बताओ नोटिस
Allahabad High Court News इलाहाबाद हाई कोर्ट ने झांसी के पुष्पेंद्र यादव फर्जी मुठभेड़ मामले में कहा कि याची को जानबूझकर शिकायतकर्ता नहीं बनाया गया। याची का आरोप है कि उसके पति की फर्जी मुठभेड़ पुलिस ने मार डाला।
UP News: प्रयागराज, विधि संवाददाता। इलाहाबाद हाई कोर्ट (Allahabad High Court) ने झांसी के पुष्पेंद्र यादव फर्जी मुठभेड़ मामले में पुलिस के खिलाफ पत्नी याची शिवांगी यादव की एफआइआर दर्ज करने के आदेश की अवहेलना करने को गंभीरता से लिया है। एसएसपी झांसी, एसएचओ थाना गुरुसहाय व थाना मोठ को कारण बताओ नोटिस जारी कर व्यक्तिगत हलफनामा मागा है कि क्यों न उनके खिलाफ अवमानना कार्रवाई शुरू की जाय? याचिका की अगली सुनवाई 13 अक्टूबर को होगी।
हाई कोर्ट ने एफआइआर दर्ज करने का दिया था आदेश
यह आदेश न्यायमूर्ति सुनीत कुमार व न्यायमूर्ति सैयद वैज मियां की खंडपीठ ने शिवांगी यादव की याचिका पर दिया है। कोर्ट ने एसएसपी व दोनों थानों के एसएचओ को याची की एफआइआर दर्ज कर कापी कोर्ट में पेश करने का निर्देश दिया था। महाधिवक्ता अजय कुमार मिश्र ने कोर्ट में एफआइआर की एक कापी पेश की। इसमें धर्मेंद्र सिंह यादव शिकायतकर्ता के रूप में दर्ज है, जबकि कोर्ट ने याची की शिकायत पर एफआइआर दर्ज करने का आदेश दिया था।
याची को जानबूझकर नहीं बनाया शिकायतकर्ता
हाई कोर्ट ने कहा याची को जानबूझकर शिकायतकर्ता नहीं बनाया गया। याची का आरोप है कि उसके पति की फर्जी मुठभेड़ मुठभेड़ पुलिस ने मार डाला। कोर्ट ने संविधान के अनुच्छेद 215 के तहत दाखिल याची की अर्जी पर नोटिस जारी की है।
एफआइआर दर्ज न कर कोर्ट के आदेश की अवहेलना
याची शिवांगी यादव की तरफ से अधिवक्ता इमरान उल्ला व शिवम यादव का कहना था की हाई कोर्ट ने पिछली तारीख पर याची की प्राथमिकी दर्ज करने का निर्देश दिया था। याची ने हाई कोर्ट के आदेश के अनुपालन में एक विस्तृत अर्जी एफआइआर दर्ज करने के लिए दी थी, लेकिन पुलिस ने याची की एफआइआर दर्ज न कर कोर्ट के आदेश की अवहेलना की है। प्रदेश सरकार की तरफ से महाधिवक्ता अजय मिश्र तथा अपर महाधिवक्ता एमसी चतुर्वेदी ने कोर्ट के समक्ष पक्ष रखा।