हाई कोर्ट ने कहा- सजा होने मात्र से नहीं की जा सकती बर्खास्तगी, एसएसपी झांसी का आदेश रद
इलाहाबाद हाई कोर्ट ने एसएसपी झांसी के याची सिपाही की बर्खास्तगी आदेश को रद कर नए सिरे से निर्णय लेने का निर्देश दिया है।
प्रयागराज, जेएनएन। इलाहाबाद हाई कोर्ट ने अपने अहम निर्णय में कहा है कि केवल आपराधिक मामले में सजा होने मात्र से सरकारी कर्मचारी की बर्खास्तगी नहीं की जा सकती है। उस कर्मचारी के आचरण पर विचार करना जरूरी है। हाई कोर्ट ने एसएसपी झांसी के याची सिपाही की बर्खास्तगी आदेश को रद कर नए सिरे से निर्णय लेने का निर्देश दिया है। यह आदेश न्यायमूर्ति एसपी केशरवानी ने कांस्टेबल रामकिशन की याचिका पर दिया है।
याचिका पर अधिवक्ता एके ओझा ने बहस किया। सुप्रीम कोर्ट के फैसले के विधि सिद्धांतों के आधार पर कोर्ट ने कहा कि नैतिक अपराध की स्थिति में सेवा प्रभावित होगी। याची को हत्या के आरोप में आजीवन कारावास व 10 हजार जुर्माने की सत्र न्यायालय ने सजा सुनाई है। अपील में उसे जमानत मिली है। एसएसपी ने सजा होने के कारण उसे बर्खास्त कर दिया। इस पर हाई कोर्ट में याचिका दाखिल की गई। कोर्ट ने कहा कि आचरण पर विचार कर निर्णय लेना चाहिए। कोर्ट ने यह भी कहा है कि यदि याची बहाल होता है तो बकाया वेतन सहित सेवाजनित परिलाभ पाने का भी हकदार होगा।