Move to Jagran APP

हाईकोर्ट ने खारिज की शुआट्स कुलपति की गिरफ्तारी पर रोक की याचिका

मार्च 2013 से नवंबर 2016 तक एक्सिस बैंक सिविल लाइंस इलाहाबाद में शुआट्स के खातों से लगभग 23 करोड़ रुपये धोखाधड़ी कर निकाल लिए गए। इस आरोप में प्राथमिकी दर्ज कराई गई है।

By Ashish MishraEdited By: Published: Mon, 18 Dec 2017 09:13 PM (IST)Updated: Mon, 18 Dec 2017 11:12 PM (IST)
हाईकोर्ट ने खारिज की शुआट्स कुलपति की गिरफ्तारी पर रोक की याचिका
हाईकोर्ट ने खारिज की शुआट्स कुलपति की गिरफ्तारी पर रोक की याचिका

इलाहाबाद (जेेएनएन)। सैम हिग्गिन बॉटम यूनिवर्सिटी ऑफ एग्रीकल्चर टेक्नोलॉजी एंड साइंसेज (शुआट्स) नैनी इलाहाबाद के कुलपति आरबी लाल, निदेशक विनोद बी लाल, प्रति कुलपति सुनील बी लाल, अजय कुमार, एलिसन लारेंस, प्रो. वीसी रंजन, ए जॉन, एकाउंटेंट आशीष कुमार तथा सहायक वित्त नियंत्रक संदीप खन्ना को 23 करोड़ के गबन के आरोप में दर्ज प्राथमिकी के तहत कोई राहत नहीं मिली है। गिरफ्तारी पर रोक की मांग में दाखिल याचिकाओं पर इलाहाबाद हाईकोर्ट ने हस्तक्षेप से इन्कार करते हुए याचिकाएं खारिज कर दी हैं।

loksabha election banner


यह आदेश मुख्य न्यायाधीश डीबी भोंसले तथा न्यायमूर्ति एमके गुप्ता की खंडपीठ ने दिया है। इनके अलावा एक्सिस बैंक के अधिकारी सुनील कुमार गुप्ता, आशुतोष, मिश्र, शोभित जायसवाल, सुशांत गुप्ता, शैलाभ प्रजापति, संतोष पंकज की भी गिरफ्तारी पर रोक की मांग में दाखिल याचिकाएं कोर्ट ने खारिज कर दी है। याचिका पर वरिष्ठ अधिवक्ता गोपाल स्वरूप चतुर्वेदी और राज्य सरकार के अपर महाधिवक्ता विनोद कांत, एजीए निखिल चतुर्वेदी और अली मुर्तजा ने बहस की।


मालूम हो कि पांच मई 2017 को मार्च 2013 से नवंबर 2016 तक एक्सिस बैंक सिविल लाइंस इलाहाबाद में शुआट्स के खातों से लगभग 23 करोड़ रुपये धोखाधड़ी कर निकाल लिए गए, इस आरोप में प्राथमिकी दर्ज कराई गई। इसमें बैंक अधिकारियों, कर्मियों और शुआट्स नैनी के अधिकारियों को आरोपित किया गया। विवेचना में शुआट्स के कुलपति सहित कई अन्य अधिकारियों की लिप्तता का खुलासा हुआ। विवेचना पुलिस क्षेत्राधिकारी स्तर के अधिकारी कर रहे हैं।

इस मामले में 11 आरोपियों के खिलाफ चार्जशीट दाखिल की जा चुकी है। अन्य के खिलाफ विवेचना जारी है। कोर्ट के निर्देश पर विवेचनाधिकारी ने गबन हुई राशि से आरोपियों की ओर से खरीदी गई संपत्तियों का ब्योरा पेश किया गया। कोर्ट ने आरोपों की गंभीरता से लेते हुए गिरफ्तारी पर रोक की मांग में दाखिल याचिकाएं खारिज कर दी है। 


Jagran.com अब whatsapp चैनल पर भी उपलब्ध है। आज ही फॉलो करें और पाएं महत्वपूर्ण खबरेंWhatsApp चैनल से जुड़ें
This website uses cookies or similar technologies to enhance your browsing experience and provide personalized recommendations. By continuing to use our website, you agree to our Privacy Policy and Cookie Policy.