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हाई कोर्ट ने कोरोना से निपटने को यूपी सरकार के कदमों की सराहना की पर पर्याप्त नहीं माना

इलाहाबाद हाई कोर्ट ने कहा कि हम हमेशा कोरोना संक्रमण के भय में रह रहे हैं। बाहर निकला कौन सा व्यक्ति कोरोना पॉजिटिव है उसका पता लगाना जरूरी है।

By Umesh TiwariEdited By: Published: Thu, 18 Jun 2020 09:30 PM (IST)Updated: Fri, 19 Jun 2020 02:07 AM (IST)
हाई कोर्ट ने कोरोना से निपटने को यूपी सरकार के कदमों की सराहना की पर पर्याप्त नहीं माना
हाई कोर्ट ने कोरोना से निपटने को यूपी सरकार के कदमों की सराहना की पर पर्याप्त नहीं माना

प्रयागराज, जेएनएन। इलाहाबाद हाई कोर्ट ने कोविड-19 से निपटने के लिए उत्तर प्रदेश सरकार द्वारा उठाए गए कदमों की सराहना की है लेकिन, उन्हें पर्याप्त नहीं माना। कोर्ट ने कोविड-19 को नियंत्रित करने के लिए व्यवस्थित जांच कराने का निर्देश दिया है। कोर्ट ने कहा कि हम हमेशा कोरोना संक्रमण के भय में रह रहे हैं। बाहर निकला कौन सा व्यक्ति कोरोना पॉजिटिव है, उसका पता लगाना जरूरी है। मास्क और सैनिटाइजर का प्रयोग करने के निर्देशों का कड़ाई से पालन कराना जरूरी है।

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न्यायमूर्ति सिद्धार्थ वर्मा व न्यायमूर्ति अजित कुमार की खंडपीठ ने कोरोना मरीजों का इलाज कर रहे अस्पतालों व क्वारंटाइन सेंटरों की सुविधाओं की निगरानी के लिए दाखिल की गई जनहित याचिका पर सुनवाई करते हुए यह आदेश दिया। कोर्ट ने सरकार को कई सुझाव भी दिए हैं, जिन पर अमल करने के लिए 25 जून को ब्लूप्रिंट पेश करने का निर्देश दिया है।

कोर्ट ने सहायक सालीसिटर जनरल से आइसीएमआर (इंडियन काउंसिल फॉर मेडिकल रिसर्च) से जांच मशीनें वार्डों में स्थापित करने के संबंध में जानकारी लेने को कहा है। इससे पहले कोर्ट ने सरकार से टेस्टिंग में खर्च की जानकारी मांगी थी। इस पर अपर महाधिवक्ता मनीष गोयल ने बताया कि एक व्यक्ति की जांच में ढाई हजार रुपये खर्च आएगा।

प्रयागराज में घर-घर हो जांच : कोर्ट ने कोविड-19 की जांच के लिए प्रदेश में प्रयागराज जिले को सैंपल के रूप में लेने को कहा है। प्रयागराज के हर वार्ड में स्थित प्रत्येक घर से एक व्यक्ति की जांच करने को कहा है। कोर्ट ने कहा कि परिवार का जो सदस्य काम से बाहर निकलता है, उसकी जांच की जाए। रिपोर्ट पॉजिटिव आने पर पूरे परिवार को घर या सेंटर पर क्वारंटाइन किया जाए। बाहर से प्रयागराज आने वाले हर व्यक्ति की भी जांच की जाए। साथ ही 15 दिन बाद दोबारा जांच हो। इसके एक महीने बाद पुन: जांच की जाए। इसके लिए वार्डवार सूची तैयार की जाए।

पीड़ितों का चल रहा है इलाज : सरकार की ओर से कोर्ट को बताया गया कि प्रदेशभर में अभी तक 94,63,756 घरों में जांच हुई है, जबकि 4,82,71,852 लोगों की टेस्टिंग की गई है। बताया कि प्रदेश में कोरोना पीड़ितों के बेहतर इलाज व टेस्टिंग के लिए 1865 अस्पतालों को चिह्नित किया गया है। इनमें 17.6 लाख मजदूरों का टेस्ट किया गया, जिनमें 3,950 कोरोना पॉजिटिव मिले हैं। उनका इलाज चल रहा है।

एक व्यक्ति के इलाज का खर्च उठाएं : कोर्ट ने कहा कि सरकारी या प्राइवेट कंपनी से वेतन ले रहे लोग अपनी जांच के साथ आर्थिक रूप से कमजोर एक व्यक्ति की जांच का खर्च उठाएं। व्यापारी व उद्योगपति सरकार को आर्थिक सहायता दें। सरकार उन्हें टैक्स में छूट दे।


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