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69000 शिक्षक भर्ती : प्रश्न विवाद पर विराम, चयनितों की राह आसान; अब 142 प्रश्नों की नहीं होगी स्क्रीनिंग

उत्तर प्रदेश में परिषदीय स्कूलों में 69000 सहायक शिक्षक भर्ती में हाई कोर्ट की डबल बेंच ने प्रदेश सरकार को दोहरी राहत दी है।

By Umesh TiwariEdited By: Published: Sat, 13 Jun 2020 02:13 AM (IST)Updated: Sat, 13 Jun 2020 02:14 AM (IST)
69000 शिक्षक भर्ती : प्रश्न विवाद पर विराम, चयनितों की राह आसान; अब 142 प्रश्नों की नहीं होगी स्क्रीनिंग
69000 शिक्षक भर्ती : प्रश्न विवाद पर विराम, चयनितों की राह आसान; अब 142 प्रश्नों की नहीं होगी स्क्रीनिंग

प्रयागराज [धर्मेश अवस्थी]। उत्तर प्रदेश में परिषदीय स्कूलों में 69000 सहायक शिक्षक भर्ती में हाई कोर्ट की डबल बेंच ने प्रदेश सरकार को दोहरी राहत दी है। एक ओर लिखित परीक्षा में पूछे गए 142 प्रश्नों के उत्तर विवाद का पटाक्षेप हो गया है, वहीं भर्ती के लिए चयनितों को नियुक्ति देने की राह आसान हुई है। सरकार चाहे तो कुल पदों में से 31,661 पर शिक्षकों की तत्काल नियुक्ति प्रक्रिया आगे बढ़ा सकती है। भर्ती के सभी पदों पर नियुक्ति के लिए शीर्ष कोर्ट का स्थगनादेश बाधा है। 

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बेसिक शिक्षा परिषद के प्राथमिक स्कूलों में 69000 सहायक अध्यापक पदों की भर्ती के लिए लिखित परीक्षा में पूछे गए 150 सवालों में से 142 प्रश्नों के उत्तर को चुनौती मिली थी। हालांकि याचियों ने 14 प्रश्नों के जवाब पर आपत्ति की थी लेकिन, लखनऊ की एकल खंडपीठ ने पहली उत्तरकुंजी के बाद मिली सभी आपत्तियों की यूजीसी से जांच कराने का आदेश दिया था। इस प्रक्रिया में वक्त अधिक लगता और प्रश्नों के जवाब बदलने से परीक्षा का परिणाम और जिला आवंटन सभी प्रभावित होता। डबल बेंच ने इस मामले में शीर्ष कोर्ट के उसी आदेश का जिक्र करते हुए सिंगल बेंच के आदेश पर स्टे किया, जिसे दैनिक जागरण ने प्रमुखता से प्रकाशित किया था। उसमें कहा गया था कि प्रश्नों के जवाब यदि दो किताबों में अलग हैं तो अंतिम राय विशेषज्ञों की ही मानी जाएगी।

37339 पदों पर शिक्षामित्रों का आवेदन : शीर्ष कोर्ट ने नौ जून को शिक्षामित्रों की याचिका की सुनवाई करते हुए कहा कि भर्ती में 37339 पदों पर चयन न करके शेष पर नियुक्ति की जा सकती है। असल में, लिखित परीक्षा में कुल 45,357 शिक्षामित्रों ने आवेदन किया था, उनमें से 8,018 शिक्षामित्र परीक्षा उत्तीर्ण करने में सफल रहे। 37339 शिक्षामित्र मांग कर रहे हैं कि भर्ती में सामान्य का 45 व आरक्षित वर्ग का 40 प्रतिशत कटऑफ पर चयन हो। ज्ञात हो कि भर्ती में चयन सामान्य के 65 व आरक्षित वर्ग के अभ्यर्थियों को 60 फीसद अंकों पर उत्तीर्ण किया गया है।

सभी पदों पर हो सकती काउंसिलिंग : प्रदेश सरकार चाहे तो भर्ती के सभी पदों के लिए काउंसिलिंग करा सकती है और नियुक्ति पत्र शीर्ष कोर्ट की मॉडीफिकेशन याचिका पर निर्णय आने के बाद दे सकती है। वैसे भी बेसिक शिक्षा विभाग नियुक्त शिक्षकों का स्कूल आवंटन ऑनलाइन माध्यम से कराने के लिए साफ्टवेयर तैयार करा रहा है। ज्ञात हो कि सिंगल बेंच के आदेश पर भर्ती की काउंसिलिंग पहले ही दिन शुरू होते ही रोक दी गई थी। इसके पहले भी सरकार चयनितों की जिला आवंटन सूची सिंगल बेंच का आदेश आने के पहले जारी कर चुकी है।

शिक्षक भर्ती में दूसरी बार सरकार को राहत : 69000 शिक्षक भर्ती के मामले में हाईकोर्ट की लखनऊ खंडपीठ से सरकार को दूसरी बार राहत मिली है। इसके पहले भर्ती के कटऑफ अंक विवाद में शासन के निर्णय पर और अब परीक्षा संस्था के विशेषज्ञों के फैसले पर मुहर लगाई है। परिषदीय स्कूलों के लिए शिक्षक चयन के लिए छह मई को सरकार को तब राहत मिली थी, जब 65 व 60 फीसद के आदेश को हाईकोर्ट ने यथावत रखा था। शासन के आदेश के 11 जनवरी 2019 को अभ्यॢथयों ने हाईकोर्ट में याचिका की थी। हाईकोर्ट की सिंगल बेंच ने 45 व 40 फीसद कटऑफ पर भर्ती करने का आदेश दिया था। इसके खिलाफ सरकार ने 22 मई 2019 को हाईकोर्ट लखनऊ की डबल बेंच में अपील की थी। जिस पर 6 मई 2020 को हाईकोर्ट ने सरकार को राहत देते हुए सिंगल बेंच के आदेश को खारिज कर दिया था।


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