बाहुबली उमाकांत यादव को राहत से इन्कार, हाई कोर्ट ने याचिका कर दी खारिज
हाई कोर्ट ने उमाकांत यादव के खिलाफ जिलाधिकारी आजमगढ़ के आदेश से की गई गैंग्स्टर एक्ट की कार्रवाई की वैधता को चुनौती याचिका पर हस्तक्षेप करने से इन्कार कर दिया। कोर्ट ने कहा कि कानून में ऐसे आदेश के विरुद्ध अपील दाखिल कर चुनौती देने का वैकल्पिक फोरम उपलब्ध है।
प्रयागराज, विधि संवाददाता। इलाहाबाद हाई कोर्ट ने बाहुबली उमाकांत यादव के खिलाफ जिलाधिकारी आजमगढ़ के आदेश से की गई गैंग्स्टर एक्ट की कार्रवाई की वैधता को चुनौती याचिका पर हस्तक्षेप करने से इन्कार कर दिया है। कोर्ट ने कहा कि कानून में ऐसे आदेश के विरुद्ध अपील दाखिल कर चुनौती देने का वैधानिक वैकल्पिक फोरम उपलब्ध है। याची जिसका इस्तेमाल कर सकता है। यह आदेश न्यायमूर्ति अंजनी कुमार मिश्र व न्यायमूर्ति दीपक वर्मा की खंडपीठ ने उमाकांत यादव की याचिका को खारिज करते हुए दिया है।
आदेश के विरुद्ध कानूनी वैकल्पिक उपचार प्राप्त करने की छूट
हाई कोर्ट ने कहा कि जब्त संपत्ति को मुक्त कराने की अर्जी पर जिलाधिकारी के इन्कार पर सक्षम अदालत में संदर्भित किया जा सकता है। जो अपील की सुनवाई करते हुए जांच कर धारा-18 में निर्णय ले सकती है। एक्ट में पूरी प्रक्रिया दी गई है। याची ने उसका पालन नहीं किया और हाई कोर्ट में याचिका दायर कर दी। आजमगढ़ के दीदारगंज थाने में गिरोह के सरगना याची के पुत्र रविकांत यादव, याची व अन्य के खिलाफ गिरोह बंद कानून के तहत एफ आई आर दर्ज कराई गई है। इसके तहत जब्ती आदेश को चुनौती दी गई थी।
हाई कोर्ट ने मांगा स्पष्टीकरण
प्रयागराज : इलाहाबाद हाई कोर्ट ने अपर सिविल जज गौतम बुद्धनगर से स्पष्टीकरण मांगा है कि जो आदेश उन्हें नहीं देना चाहिए, उसे पारित करने के लिए क्यों न मुख्य न्यायाधीश से उनके खिलाफ प्रशासनिक कार्रवाई करने के लिए अनुरोध किया जाय? कोर्ट ने अपर सिविल जज से 30 मई तक सफाई मांगी है। यह आदेश न्यायमूर्ति डा. कौशल जयेंद्र ठाकर व न्यायमूर्ति अजय त्यागी की खंडपीठ ने उत्तर प्रदेश राज्य औद्योगिक विकास निगम की याचिका पर दिया है।