सावन में जेठ जैसी पड़ रही गर्मी, पारा 40 डिग्री पर Prayagraj News
मानसून की बारिश थम सी गई है। सावन में जेठ जैसी गर्मी का अहसास हो रहा है। इसके चलते लोग परेशान हैं। जन जीवन अस्तव्यस्त हो गया है।
By Edited By: Published: Sun, 21 Jul 2019 08:26 PM (IST)Updated: Mon, 22 Jul 2019 08:12 AM (IST)
प्रयागराज, जेएनएन। कहते हैं सावन की गर्मी बहुत सताती है। इन दिनों कुछ ऐसे ही अहसास से गुजर रहे हैं शहरवासी। सावन में जेठ जैसी गर्मी पड़ रही है। रविवार को तापमान 40 डिग्री पर पहुंच गया। दिन में चिलचिलाती धूप परेशान कर रही है तो रात को उमस ने चैन छीन लिया है। शनिवार को कुछ देर झमाझम हुई जरूर, पर उसके बाद उमस फिर हावी हो गई। सोमवार की सुबह आसमान में बादल तो दिखे लेकिन बारिश नहीं हुई।
मानसूनी बारिश का आगाज एक पखवारे पूर्व हुआ था
इस बार की पहली मानसूनी बारिश करीब पखवारा भर पहले हुई। चार दिन लगातार हुई बारिश से पारा काफी गिरकर 30 डिग्री सेल्सियस के नीचे आ गया था। बारिश थमने के बाद तापमान में धीरे-धीरे वृद्धि होने लगी, लेकिन शनिवार तक तापमान 38-39 डिग्री के आसपास बना रहा। शनिवार को तीन-चार बजे के लगभग हुई झमाझम बारिश के बावजूद तापमान कम नहीं हुआ था। रविवार को पारा और चढ़ गया। सुबह से ही चिलचिलाती धूप और जबर्दस्त उमस से तापमान में वृद्धि का आभास हो गया था। उमस का आलम यह रहा कि चंद कदम पैदल चलने पर लोग पसीने से तर-बतर हो रहे थे। वहीं रात में भी कूलर और पंखे बेअसर हो गए।
बढ़ गया पारा, लोग हुए परेशान
शनिवार की तुलना में रविवार को अधिकतम पारा 1.3 डिग्री बढ़कर 40 डिग्री सेल्सियस पहुंच गया। हालांकि, न्यूनतम तापमान 0.9 डिग्री घटकर 28.5 डिग्री सेल्सियस पर आ गया। अधिकतम तापमान सामान्य से छह और न्यूनतम दो डिग्री सेल्सियस ज्यादा रहा। अधिकतम आर्द्रता 74 और न्यूनतम 52 फीसद रही। शनिवार को अधिकतम तापमान 38.7 और न्यूनतम पारा 29.4 डिग्री सेल्सियस रहा।
आज सुबह से आसमान पर छाए बादल
सावन के पहले सोमवार की सुबह आसमान में घने बादलों का डेरा लग गया है, हालांकि अभी बारिश नहीं शुरू हुई। लोगों का अनुमान है कि अगर बादल छाए हैं तो बारिश भी जरूर होगी।
बोले मौसम विज्ञानी डॉक्टर एसएस ओझा
इलाहाबाद विश्वविद्यालय भूगोल विभाग के विभागाध्यक्ष और मौसम विज्ञानी डा. एसएस ओझा का कहना है कि पश्चिम की हवाएं चलने और आसमान के साफ होने से तापमान में वृद्धि हुई। पूरब की हवाएं बीच में चल रही हैं, लेकिन पछुआ के आगे वह नाकाम साबित हो रही हैं। पारा चढ़ने से मैदानी क्षेत्र का वायुदाब कम होगा। पूरब की हवाएं बारिश लेकर आएंगी।
मानसूनी बारिश का आगाज एक पखवारे पूर्व हुआ था
इस बार की पहली मानसूनी बारिश करीब पखवारा भर पहले हुई। चार दिन लगातार हुई बारिश से पारा काफी गिरकर 30 डिग्री सेल्सियस के नीचे आ गया था। बारिश थमने के बाद तापमान में धीरे-धीरे वृद्धि होने लगी, लेकिन शनिवार तक तापमान 38-39 डिग्री के आसपास बना रहा। शनिवार को तीन-चार बजे के लगभग हुई झमाझम बारिश के बावजूद तापमान कम नहीं हुआ था। रविवार को पारा और चढ़ गया। सुबह से ही चिलचिलाती धूप और जबर्दस्त उमस से तापमान में वृद्धि का आभास हो गया था। उमस का आलम यह रहा कि चंद कदम पैदल चलने पर लोग पसीने से तर-बतर हो रहे थे। वहीं रात में भी कूलर और पंखे बेअसर हो गए।
बढ़ गया पारा, लोग हुए परेशान
शनिवार की तुलना में रविवार को अधिकतम पारा 1.3 डिग्री बढ़कर 40 डिग्री सेल्सियस पहुंच गया। हालांकि, न्यूनतम तापमान 0.9 डिग्री घटकर 28.5 डिग्री सेल्सियस पर आ गया। अधिकतम तापमान सामान्य से छह और न्यूनतम दो डिग्री सेल्सियस ज्यादा रहा। अधिकतम आर्द्रता 74 और न्यूनतम 52 फीसद रही। शनिवार को अधिकतम तापमान 38.7 और न्यूनतम पारा 29.4 डिग्री सेल्सियस रहा।
आज सुबह से आसमान पर छाए बादल
सावन के पहले सोमवार की सुबह आसमान में घने बादलों का डेरा लग गया है, हालांकि अभी बारिश नहीं शुरू हुई। लोगों का अनुमान है कि अगर बादल छाए हैं तो बारिश भी जरूर होगी।
बोले मौसम विज्ञानी डॉक्टर एसएस ओझा
इलाहाबाद विश्वविद्यालय भूगोल विभाग के विभागाध्यक्ष और मौसम विज्ञानी डा. एसएस ओझा का कहना है कि पश्चिम की हवाएं चलने और आसमान के साफ होने से तापमान में वृद्धि हुई। पूरब की हवाएं बीच में चल रही हैं, लेकिन पछुआ के आगे वह नाकाम साबित हो रही हैं। पारा चढ़ने से मैदानी क्षेत्र का वायुदाब कम होगा। पूरब की हवाएं बारिश लेकर आएंगी।
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