मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के मुकदमे में एमपी, एमएलए कोर्ट में हुई सुनवाई
एमपी एमएलए कोर्ट में मुख्यमंत्री योगी आदित्य नाथ के मुकदमे की फाइल खुल गई है। विशेष न्यायाधीश ने मुकदमे की सुनवाई की। मुकदमा हत्या से संबंधित है।
प्रयागराज : मुख्यमंत्री योगी आदित्य नाथ के मुकदमे की फाइल एमपी एमएलए कोर्ट में खुल गई है। विशेष न्यायाधीश पवन कुमार तिवारी ने शनिवार को मुकदमे की सुनवाई की। कोर्ट में पुकार लगाई गई तो वादी व प्रतिवादी हाजिर नहीं हुए। इस पर सुनवाई की अगली तारीख छह नवंबर मुकर्रर हुई। अभियोजन की ओर से हरि ओंकार सिंह, राधाकृष्ण मिश्रा, लाल चंदन, राजेश गुप्ता ने तर्क प्रस्तुत किया।
मुकदमा हत्या से संबंधित है। गोरखपुर में घटना 10 फरवरी 1990 को हुई। उस वक्त योगी आदित्य नाथ सांसद थे। आरोप है कि धर्मपुर चौराहा गोरखपुर के पास योगी आदित्यनाथ अपने अन्य साथियों के साथ असलहे से लैस होकर कब्रों को तोड़कर उसमें पीपल का डाल लगवा रहे थे। जानकारी होने पर उसी समय तलत अजीज अपने समर्थकों संग पहुुंच गईं। योगी के ललकारने पर समर्थकों ने गोली चलाई, जिससे तलत के गनर सत्य प्रकाश की गोली लगने से मौत हो गई। जबकि अफजल अली, अलीम सिद्दीकी, इशरत इब्राहिम गोली से घायल हो गए थे। पुलिस ने विवेचना के बाद क्लीन चिट दे दिया।
सीजेएम महाराजगंज ने परिवाद दर्ज करने का आदेश दिया, लेकिन कुछ तकनीकी कारणों के चलते 13 मार्च 2018 को खारिज कर दिया। याचिनी तलत अजीज ने उक्त आदेश से क्षुब्ध होकर सेशन कोर्ट में निगरानी याचिका प्रस्तुत किया, जो ट्रांसफर होने के बाद अब सुनवाई एमपी एमएलए कोर्ट में हो रही है।
रीता जोशी के मुकदमे में सुनवाई 20 को :
कैबिनेट मंत्री रीता बहुगुणा जोशी के आचार संहिता से संबंधित मुकदमे की सुनवाई 20 नवंबर को होगी। एमपी एमएलए कोर्ट में शनिवार को सुनवाई के दौरान कोई हाजिर नहीं हुआ। कोर्ट ने अभियोजन को प्रक्रिया का पालन कराने के निर्देश दिए। मामला अनुपम पांडेय मजिस्ट्रेट उडऩदस्ता ने थाना कृष्णा नगर लखनऊ में रीता जोशी, प्रभा श्रीवास्तव, राम सिंह, शकील अहमद, संजय यादव, मनोज चौरसिया के खिलाफ आचार संहिता उल्लंघन का मुकदमा कराया था। इसी कोर्ट ने मथुरा जिले के श्रीकांत शर्मा के खिलाफ चल रहे मुकदमे में सुनवाई की। हाजिर नहीं होने पर जमानती वारंट जारी किया गया।
41 मुकदमों में गवाही एक भी नहीं :
एमपी एमएलए कोर्ट में शनिवार को 41 मुकदमे लगे। इसमें निगरानी केस, सेशन ट्रायल, स्पेशन ट्रायल के मुकदमे थे, लेकिन किसी भी मुकदमे में गवाही नहीं हुई।