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Health Alert: पनीर में चिकनाई कम तो आप खा रहे धोखा, जानिए एक्सपर्ट की सलाह

Festival Season में खाद्य सामग्रियों में अधिक से अधिक आमदनी कमाने के लिए मिलावटखोरी भी बढ़ जाती है। इसके प्रति सचेत रहने की जरूरत है। लेकिन समस्या है कि सचेत रहें भी तो कैसे। क्योंकि मिलावटखोरी मौके पर जांचने का उपभोक्ताओं के पास कोई पैमाना नहीं होता।

By Ankur TripathiEdited By: Published: Fri, 15 Oct 2021 08:30 AM (IST)Updated: Fri, 15 Oct 2021 05:51 PM (IST)
Health Alert: पनीर में चिकनाई कम तो आप खा रहे धोखा, जानिए एक्सपर्ट की सलाह
त्योहारी सीजन है तो खाद्य सामग्रियों में अधिक आमदनी कमाने के लिए मिलावटखोरी बढ़ जाती है।

प्रयागराज, जागरण संवाददाता। त्योहारी सीजन है तो खाद्य सामग्रियों में अधिक से अधिक आमदनी कमाने के लिए मिलावटखोरी भी बढ़ जाती है। इसके प्रति सचेत रहने की जरूरत है। लेकिन समस्या है कि सचेत रहें भी तो कैसे। क्योंकि मिलावटखोरी मौके पर जांचने का उपभोक्ताओं के पास कोई पैमाना नहीं होता। इसका तरीका बताने के लिए गुरुवार को दैनिक जागरण के फोन इन कार्यक्रम प्रश्न पहर में जिला अभिहित अधिकारी ममता चौधरी उपस्थित रहीं। उन्होंने पाठकों के सभी सवालों का बड़ी बेबाकी से जवाब दिया और बताया कि खानपान के जरिए अपनी सेहत को कैसे दुरुस्त रखा जा सकता है। पेश है उनसे हुए सवाल और जवाब के प्रमुख अंश।

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सवाल : मिठाई खरीदते समय उसकी गुणवत्ता की परख कैसे करें, किन मिठाइयों से परहेज किया जाए। महेंद्र कुमार पांडेय, उग्रसेनपुर प्रतापपुर

जवाब : कभी-कभी मिठाइयां पुरानी हो जाने पर भी दुकानदार बेच देते हैं। मिठाई खरीदते समय देखें की उसके नीचे लगी कागज की कटोरी में फफूंदी तो नहीं लगी है। मिठाई बहुत अधिक रंगीन है तो भी न खरीदें। क्योंकि यह सेहत के लिए हानिकारक तत्व हैं।

सवाल : सड़क पर वेंडर जो ठेले पर खाद्य सामग्री बेचते हैं उन्हें वहीं पर ग्राहक खाते भी हैं। क्या यह नुकसानदायक है।

आशीष मिश्रा, भगवतपुर

जवाब : खुली हुई सामग्री सड़क पर कहीं भी बिक रही है तो वह तब तक हानिकारक है जब तक शीशे के केस या किसी कपड़े से ढंकी न हो। क्योंकि सड़क पर धूल के कण उड़ रहे होते हैं जो खुली हुई खाद्य सामग्री पर जमते रहते हैं। कोशिश करें कि सड़क पर जो कुछ खाएं वह स्वच्छ व शुद्ध हो।

सवाल : मिठाई में आजकल मिलावट खूब हो रही है। खाद्य सुरक्षा अधिकारी कभी-कभी आते हैं लेकिन आज तक नहीं देखा कि किसी पर कार्रवाई हुई हो।

सुधीर मौर्या, पूर्व ब्लाक प्रमुख सोरांव

जवाब : मिलावटखोरी की बात आपकी सही हो सकती है लेकिन, जांच और कार्रवाई नहीं हो रही यह कहना गलत है। खाद्य पदार्थों के नमूने लगातार लेकर प्रयोगशाला भेजे जा रहे हैं। मिलावट मिलने पर संबंधित के खिलाफ न्यायालय में मुकदमा और जुर्माने की कार्रवाई भी होती है।

सवाल : त्योहारी सीजन में ही खाद्य सुरक्षा प्रशासन बाजारों में जांच करता है। इसके बाद भी अभियान चलता रहे तो मिलावटखोरों में दहशत रहेगी और ग्राहकों को गुणवत्तापूर्ण खाद्य पदार्थ मिलेगा।

अनुराग यादव नार्थ मलाका

जवाब : विभाग की कार्रवाई लगातार चलती रहती है। यह बात और है कि मीडिया में नमूने एकत्र होने की बात आ पाती है, कार्रवाई पीछे रह जाती है। कोशिश रहेगी कि मिलावटखोरों पर कार्रवाई की बात भी मीडिया में आए। अभियान हमेशा चलता रहता है।

सवाल : जारी और इसके आसपास बड़े बाजारों में पनीर का व्यापार खूब हो रहा है लेकिन इसकी गुणवत्ता बिल्कुल नहीं रहती। कैसे पता करें कि पनीर शुद्ध नहीं है।

गोपाल सिंह, जारी

जवाब : पनीर में हमेशा यह देखा जाता है कि फैट कम या ज्यादा है। ग्राहकों को चाहिए कि उसमें शुद्धता की जांच चिकनाई देखकर करें। थोड़ी सी पनीर मसलने पर यदि उसमें चिकनाई कम रहे तो समझें कि वह सपरेटा दूध से बना है। अक्सर लोग दूध से पोषक तत्व पहले ही निकालकर बाद में पनीर बनाते हैं। यह पनीर गुणवत्तापूर्ण नहीं होता।

सवाल : बाजार में आजकल खाद्य पदार्थों में मिलावट खूब हो रही है। इसकी रोकथाम के लिए विभाग को कड़े कदम उठाना चाहिए।

डा. शालिनी यादव, ममफोर्डगंज

जवाब : हमारे विभाग द्वारा ऐसे मिलावटखोरों के खिलाफ अभियान लगातार चलता रहता है। हमारी टीम बाजार में जाती है। दुकानों से नमूने लेती है जिसे जांच के लिए प्रयोगशाला भेजा जाता है। मिलावट की रिपोर्ट आती है तो न्यायालय में मुकदमा कराया जाता है।

सवाल : सरसों के तेल में मिलावट खूब हो रही है। कभी इसकी जांच नहीं होती। आपकी टीम कहीं दिखती नहीं है। ऐसा क्यों।

नरेश चंद्र निषाद, झूंसी

जवाब : अभियान लगातार चल रहा है। हां, यह सही है कि कार्रवाई की रिपोर्ट मीडिया में नहीं आ पाती ताे लोगों को लगता है कि विभाग कुछ नहीं कर रहा। कोशिश रहेगी कि अब जांच रिपोर्ट और कार्रवाई भी मीडिया के जरिए जनता तक पहुंचे।

सवाल : क्या करें कि किसी भी खानपान का सेहत पर विपरीत असर न पड़े।

रीना शर्मा, खलीफा मंडी नखास कोहना

जवाब : आपकी जानकारी के लिए बता दें कि सरकार ईट राइट अभियान चला रही है जिसका स्लोगन है थोड़ा कम। इस कार्यक्रम के तहत लोगों को बताया जा रहा है कि खानपान में तेल, नमक और चीनी का इस्तेमाल कम करें।

सवाल : सरसों के तेल का व्यापार करते हैं। दूसरे जिलों से तेल आता है। क्या करें कि खाद्य सुरक्षा अधिकारियों के द्वारा अगर जांच पड़ताल हो तो सबकुछ दुरुस्त रहे।

श्याम किशोर, चौक बाजार

जवाब : आप जो भी माल मंगाते हैं उसका उचित बिल जरूर रखें। टिन बंद तेल अगर बेचते हैं तो इसे पैक ही बेचें। क्योंकि टिन अगर खुल जाएगा और उसमें मिलावट मिली तो जिम्मेदारी आपकी होगी। यदि बंद टिन से नमूने एकत्र कर प्रयाेगशाला भेजा गया, रिपोर्ट पाजिटिव आई तो फिर जिम्मेदारी तेल निर्माता कंपनी की बनेगी।

सवाल : दुकानदार केमिकल युक्त फल धड़ल्ले से बेचते हैं। इनकी कोई जांच पड़ताल क्यों नहीं होती। इसके लिए भी अभियान चलना चाहिए।

हरीश कुमार गुप्ता, कनेटी फूलपुर

जवाब : फलों की भी जांच होती है। नमूने लेकर प्रयोगशाला भेजे जाते हैं। आपके यहां बाजार से कुछ ही दिनों पहले सब्जी मंडी में खाद्य सुरक्षा अधिकारियों ने अभियान चलाकर फलों के नमूने एकत्र किए हैंं। इसकी रिपोर्ट आना बाकी है।

सवाल : त्योहारी सीजन चल रहा है। आजकल किन पदार्थों में मिलावट ज्यादा होने की संभावना रहती है। बता दीजिए तो उससे सचेत रहें।

श्रद्धा पांडेय, सीओडी चाका नैनी

जवाब :आपको बस यह देखना है कि खाद्य पदार्थ ज्यादा पुराने न हों। मिठाईयों में फफूंदी और चांदी के वर्क पर खास ध्यान दें। ज्यादा रंगीन मिठाई न खरीदेंं। कोई शील्ड सामग्री खरीदते समय उसकी एक्सपायरी डेट भी देखें।

सवाल : खानपान की शुद्धता जांच के लिए अभियान केवल त्योहारों पर ही क्यों चलाया जाता है। यह साल भर क्यों नहीं चलता।

कैलाश चंद्र पांडेय, दारागंज

जवाब : अभियान साल भर तक चलता ही रहता है। दूध में मिलावटखोरी तो हर महीने में दो बार पता की जाती है। त्योहार आने पर मिलावटखोरी की संभावना अधिक होने के चलते विशेष अभियान चलाया जाता है।

सवाल : मिलावटखोरी खूब हो रही है। खाद्य सुरक्षा विभाग कोई ध्यान नहीं देता। हम शिकायत करें भी तो किससे।

कमलेंद्र नाथ द्विवेदी, कौंधियारा

जवाब : मिलावटखोरी के खिलाफ अभियान चलता है और जोरशोर से चलता है। खाद्य सुरक्षा अधिकारी किसी भी प्रतिष्ठान पर पहुंचते हैं तो सबको जानकारी हो जाती है। जांच और कार्रवाई में विभाग पीछे नहीं है।

ऐसे करें मिलावट की जांच

हरी सब्जियों में

हरी सब्जी पर काटन (रुई) को गीला करके रगड़ें। अगर सब्जी में रंग लगा होगा तो वह काटन में उतर आएगा। इससे आप पहचान सकते हैं कि सब्जी विक्रेता आपको धोखा दे रहा है या नहीं।

लाल मिर्च में

पिसी हुई लाल मिर्च को पानी में डालें। अगर उसमें रंग की मिलावट होगी तो रंग पानी में नीचे की ओर उतरने लगेगा। मिर्च ऊपर ही तैरेगी। अगर ऐसा नहीं है तो समझ लीजिए कि मिर्च में मिलावट नहीं है।

काली मिर्च में

काली या गोल मिर्च को पानी में डालें। इसमें अक्सर पपीते के बीच मिले होने की संभावना रहती है। यदि काली मिर्च पानी के तल में बैठ जाती है तो समझिए कि उसमें मिलावट नहीं है। अगर पानी की ऊपरी सतह पर तैरे तो समझ लीजिए के उसमें मिलावट है।

हींग में

हींग में मिलावट जांचने का सबसे अच्छा तरीका है कि फ्राईपैन या कलछुल में हींग डालकर छौंक लगाते समय यदि ऊपर आग पकड़ ले तो समझिए कि वह पूरी तरह शुद्ध है। अगर ऐसा नहीं होता तो मानिए कि हींग में कुछ न कुछ मिलावट जरूर है।

चांदी के वर्क में

मिठाइयों में अक्सर चांदी का वर्क लगाकर उसमें चकाचौंध लाने की कोशिश होती है। अगर उसकी गुणवत्ता पता करना हो तो चांदी का वर्क लेकर रगड़ें। चांदी का वर्क अगर आपकी अंगुली में चिपकता है तो समझिए कि उसमें एल्युमिनियम है। लेकिन अगर वर्क चूर हो जाए और अंगुली में न चिपके तो वह सुरक्षित है।


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