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मुंबई में छिपा था 50 हजार का इनामी हसन मुल्ला, हत्या व लूट में था वांछित

हत्‍या और लूट की घटनाओं में शामिल इनामी अपराधी हसन मुल्‍ला को एसटीएफ ने गिरफ्तार कर लिया है। उसके पास से तमंचा और कारतूस बरामद हुआ। वह यहां से भागकर मुंबई में छिपा हुआ था।

By Brijesh SrivastavaEdited By: Published: Sun, 17 Feb 2019 12:11 PM (IST)Updated: Sun, 17 Feb 2019 12:11 PM (IST)
मुंबई में छिपा था 50 हजार का इनामी हसन मुल्ला, हत्या व लूट में था वांछित
मुंबई में छिपा था 50 हजार का इनामी हसन मुल्ला, हत्या व लूट में था वांछित

प्रयागराज : जेल के हेड वार्डर-सपा नेता के भाई की हत्या समेत लूट की घटनाओं में फरार चल रहा 50 हजार का इनामी बदमाश हसन मुल्ला मुंबई में छिपा था। उसे एसटीएफ ने प्रतापगढ़ के भुपियामऊ रेलवे क्राङ्क्षसग के पास से गिरफ्तार कर लिया। उसके कब्जे से तमंचा और कारतूस बरामद हुआ।

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 प्रतापगढ़ शहर के आजादनगर मोहल्ला निवासी मोहम्मद हसन उल्ला उर्फ हसन मुल्ला पुत्र शब्बीरूद्दीन 27 दिसंबर को जेल रोड क्राङ्क्षसग पर हेड वार्डर हरि नारायण त्रिवेदी की घटना में फरार चल रहा था। उस पर 50 हजार रुपये का इनाम घोषित था। उसकी तलाश में एसटीएफ प्रयागराज की टीम डिप्टी एसपी नवेंदु ङ्क्षसह की अगुवाई में लगी थी। इस बीच मुखबिर की सूचना पर एसटीएफ के दारोगा अनिल कुमार ङ्क्षसह ने सिपाहियों के साथ शनिवार शाम भुपियामऊ रेलवे क्राङ्क्षसग के पास से हसन मुल्ला को गिरफ्तार कर लिया।

सहन मुल्ला ने सपा नेता के भाई की हत्या की बात कबूली

डिप्टी एसपी नवेंदु ङ्क्षसह ने बताया कि हसन मुल्ला ने कबूल किया है कि उसने रूबान, अशरफ, अशकार के साथ पांच फरवरी 2018 को रात में सैलून में बैठे सपा नेता के भाई आशीष उर्फ जान पाल की गोली मारकर हत्या की थी। रूबान का मौसेरा भाई खालिद और जान पॉल दोस्त थे। दोनों में पैसे के लेन-देन को लेकर विवाद हुआ था। खालिद के कहने पर जान पाल की हत्या की गई थी। अशरफ, रूबान जेल में है। इस घटना के बाद वह देवबंद में चाचा मौलाना शब्बीर के पास चला गया था। थोड़े दिन बाद यहां आकर दोस्त अशरफ के घर रहने लगा।

किराना व ऑटो मोबाइल व्यापारी को गोली मारकर लूटा था

कुछ दिन बाद अशरफ, तनवीर के साथ शराब की दुकान में लूट किया था। जोगापुर में आटो मोबाइल व्यापारी और रानीगंज में किराना व्यापारी को गोली मारकर लूट किया था। 27 दिसंबर 2018 को तौकीर, मकसूूद, अमीर के साथ जेल के हेड वार्डर हरि नारायण त्रिवेदी की गोली मारकर हत्या कर दी थी। तौकीर जब जेल में था तो हरि नारायण ने उसे मां-बहन की गाली दी थी और एक थप्पड़ मार दिया था। इसी बात को लेकर हरि नारायण की हत्या की गई थी। साल के आखिर में भुलियापुर में पुलिस से मुठभेड़ हुई थी। उसी रात वह बस से दिल्ली भाग गया था। दो दिन वहां रहने के बाद मुंबई चल गया था।


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