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सामंतवादी ताकतों के खिलाफ उठाएं अपनी आवाज : हार्दिक पटेल

हार्दिक विचार मंच के अध्यक्ष हार्दिक पटेल प्रतापगढ़ ने किसानों की सभा में शिरकत किया। कहा कि लोग अपनी आवाज सामंतवादी ताकतों के खिलाफ उठाएं।

By Brijesh SrivastavaEdited By: Published: Wed, 20 Feb 2019 07:08 PM (IST)Updated: Wed, 20 Feb 2019 07:08 PM (IST)
सामंतवादी ताकतों के खिलाफ उठाएं अपनी आवाज : हार्दिक पटेल
सामंतवादी ताकतों के खिलाफ उठाएं अपनी आवाज : हार्दिक पटेल

प्रयागराज : हार्दिक विचार मंच के अध्यक्ष हार्दिक पटेल ने बेल्हा की धरती से सामंतवादी ताकतों के खिलाफ बिगुल फूंका। इस दौरान उन्होंने किसी पार्टी का नाम लिए बगैर सिर्फ किसानों के हक की बात कही। वह बुधवार को बेल्हा के पट्टी तहसील स्थित तरदहा गांव में आयोजित किसानों की एक सभा को मुख्य अतिथि के रूप में संबोधित कर रहे थे।

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 उन्होंने वहां मौजूद जनता से सीधे संवाद स्थापित कर किया। सामंतवादी व्यवस्था के खिलाफ तर्को को धार दिया। कहा, उन्होंने सुन रखा है कि प्रतापगढ़ में आज भी सामंतवादी व्यवस्था लागू है। यहां आवाज उठाने पर हत्या कर दी जाती है। कमजोर पर अत्याचार होता है, वह आज यहां आकर महसूस भी कर रहे हैं। आजाद होने के बाद भी आप लोग जिस तरह से गुलामी की ङ्क्षजदगी बसर कर रहे हैं, वह ठीक नहीं।

कहा, दासता की मानसिकता से बाहर निकलना होगा

इस दासता की मानसिकता से बाहर निकलना होगा। उन्होंने गुजरात मॉडल पर भी चोट किया। तंज कसते हुए कहा कि अहमदाबाद दिखाकर गुजरात मॉडल बता देना अलग है, गुजरात के 22 जिलों में आज भी ङ्क्षसचाई की व्यवस्था नहीं हो पाई है। वहीं यूपी में लखनऊ के आगे विकास का दावा दम तोड़ता नजर आ रहा है। किसान आत्महत्या कर रहे हैं। उन्होंने कहा कि दरअसल इन सारी व्यवस्था के लिए न तो प्रधानमंत्री जिम्मेदार हैं और न सीएम। इसके लिए हम और आप दोषी हैं। जब तक हम सही व्यक्ति का चयन करके लोकसभा और विधानसभा नहीं भेजेंगे, तब तक हमारे साथ अन्याय होता रहेगा।

हार्दिक ने कहा, उनकी लड़ाई किसी एक सरकार से नहीं है

पाटीदार नेता हार्दिक किसी पार्टी या राजनीतिक हस्ती का नाम लिए बगैर व्यवस्था और किसानों की समस्या को लेकर चोट करते रहे। कहा कि उनकी लड़ाई किसी एक सरकार से नहीं है, लड़ाई उनसे है, जो संविधान के साथ आज भी खिलवाड़ कर रहे हैं। उद्योगपतियों और सरकार के संबंधों पर भी सवाल उठाया। किसानों से सवाल किया कि आखिर उद्योगपति का बेटा बेरोजगार नहीं घूम रहा है। किसानों और मजदूरों के बेटे ही बेरोजगारी का दंश झेलने पर क्यों मजबूर हैं।

गन्ना किसानों के साथ हो रहे अन्याय का मसला उठाया

उन्होंने गन्ना किसानों के साथ हो रहे अन्याय का मसला उठाया। कहा कि सरकार किस बल पर अपनी उपलब्धि गिना रही है, जबकि किसान त्राहि-त्राहि कर रहा है। अब जाग जाइए और अपने हक की लड़ाई के लिए किसी के आगे झुकना छोड़ दीजिए, विकास का रास्ता अपने आप खुलता चला जाएगा। उनके साथ हार्दिक किसान मंच के प्रदेश अध्यक्ष अखिलेश कटियार सहित कई नेता मौजूद थे।

योगी नहीं अजय बिष्ट की सरकार

पाटीदार नेता हार्दिक पटेल अपने संबोधन में योगी सरकार न कहकर अजय बिष्ट की सरकार बोलते रहे। पहले वहां मौजूद लोगों को समझ में नहीं आया, आखिर किस प्रदेश के सीएम की बात हो रही है। पाटीदार नेता जन भावना समझ गए और मुस्कुराकर साफ किया कि वह यूपी सरकार की ही बात कर रहे हैं, दरअसल सीएम का असली नाम यही है, वह उनका उप नाम लेकर किसी धार्मिक भावना को ठेस नहीं पहुंचाना चाहते। उनका इशारा लोग समझने की कोशिश करते रह गए कि आखिर ऐसा करके वह क्या समझाना चाहते हैं।

गन्ना किसानों के साथ धरने पर बैठे हार्दिक

कार्यक्रम स्थल पर आते समय सुलतानपुर जिले की कादीपुर तहसील के सरैया गांव के पास हार्दिक पटेल का काफिला रोकना पड़ा। उन्हें पता चला कि गन्ना की खरीद शुरू होने को लेकर किसानों ने वहां जाम लगा दिया है। हार्दिक पटेल उनके बीच पहुंचे और धरने पर बैठ गए। उन्होंने सुलतानपुर के डीएम से वार्ता कर किसानों की समस्या बताई और तत्काल उनके गन्ने की खरीद शुरू करने को कहा।


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