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आधा सत्र बीत गया अंग्रेजी शिक्षकों की नियुक्ति नहीं Prayagraj News

अंग्रेजी माध्यम स्कूलों में आधा सत्र बीत जाने के बावजूद अंग्रेजी विषय के शिक्षकों की नियुक्ति नहीं हो सकी। इससे बच्चों के पठन-पाठन पर भी असर पड़ रहा है।

By Brijesh SrivastavaEdited By: Published: Thu, 24 Oct 2019 08:27 AM (IST)Updated: Thu, 24 Oct 2019 08:27 AM (IST)
आधा सत्र बीत गया अंग्रेजी शिक्षकों की नियुक्ति नहीं Prayagraj News
आधा सत्र बीत गया अंग्रेजी शिक्षकों की नियुक्ति नहीं Prayagraj News

प्रयागराज,जेएनएन: कन्वेंट स्कूलों की तर्ज पर बेसिक स्कूलों को भी अंग्रेजी माध्यम (इंग्लिश मीडियम) में परिवर्तित किया जा रहा है। विभागीय अफसरों की कार्यशैली के कारण परिवर्तित स्कूलों का ढर्रा भी कमोवेश अन्य विद्यालयों की तरह ही है। ज्यादातर अंग्रेजी माध्यम स्कूलों में आधा सत्र बीत जाने के बावजूद अंग्रेजी विषय के शिक्षकों की नियुक्ति नहीं हो सकी। इससे बच्चों के पठन-पाठन पर भी असर पड़ रहा है।

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237 परिषदीय विद्यालयों को अंग्रेजी माध्यम में परिवर्तित किया गया है। लेकिन 110 विद्यालयों में अंग्रेजी विषय के शिक्षकों की नियुक्ति नहीं हो सकी है। जबकि करीब पांच सौ अंग्रेजी शिक्षकों का चयन और काउंसिलिंग हो चुकी है। अंग्रेजी शिक्षकों के लिए आठ मार्च को विज्ञापन निकाला गया था और 16 मई को परीक्षा हुई थी। जुलाई में साक्षात्कार और 31 अगस्त व एक सितंबर को काउंसिलिंग हुई थी। लगभग 500 शिक्षकों का चयन हो चुका है, लेकिन समायोजन के नाम पर इनकी नियुक्ति नहीं की गई। चयनित शिक्षक सचिव, डीएम और बीएसए के यहां तैनाती के लिए चक्कर लगा रहे हैं, लेकिन इनकी सुनवाई नहीं हो रही है।

अद्र्धवार्षिक परीक्षा शुरू, नहीं मिलीं पूरी किताबें :

अद्र्धवार्षिक परीक्षा 15 अक्टूबर से शुरू है, लेकिन कई स्कूलों में बच्चों को सभी विषयों की किताबें नहीं मिलीं। कक्षा पांच में अंग्रेजी और गणित, कक्षा चार में हिंदी और संस्कृत, तीन में अंग्रेजी और  हिंदी, कक्षा दो में हिंदी की किताबें न मिलने की शिकायतें शिक्षकों ने की हैं।

अफसर बोले, सचिव का निर्देश मिलते ही नियुक्ति:

खंड शिक्षा अधिकारी मुख्यालय  अर्जुन सिंह ने बताया कि शिक्षकों की नियुक्ति के लिए सचिव से मार्ग दर्शन मांगा गया है। मार्ग दर्शन मिलते ही नियुक्ति की जाएगी। अंग्रेजी स्कूलों में बच्चों की संख्या बढ़ गई है, जिससे हो सकता है कि कुछ जगहों पर पूरी किताबें न मिल पाई हों।


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