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मानदेय को लेकर इलाहाबाद विश्वविद्यालय में अतिथि प्रवक्ताओं ने कार्य बहिष्कार किया Prayagraj News

इलाहाबाद विश्वविद्यालय व संगठक महाविद्यालयों के अतिथि प्रवक्‍ताओं ने मानदेय का भुगतान न होने तक कार्य बहिष्कार का ऐलान किया है। उनके कार्य बहिष्कार से कक्षाएं बाधित हुईं।

By Brijesh SrivastavaEdited By: Published: Tue, 21 Jan 2020 08:16 PM (IST)Updated: Tue, 21 Jan 2020 08:16 PM (IST)
मानदेय को लेकर इलाहाबाद विश्वविद्यालय में अतिथि प्रवक्ताओं ने कार्य बहिष्कार किया Prayagraj News
मानदेय को लेकर इलाहाबाद विश्वविद्यालय में अतिथि प्रवक्ताओं ने कार्य बहिष्कार किया Prayagraj News

प्रयागराज, जेएनएन। मानदेय न मिलने से खफा इलाहाबाद केंद्रीय विश्वविद्यालय (इविवि) समेत संघटक महाविद्यालयों के अतिथि प्रवक्ताओं के सब्र का बांध आखिरकार मंगलवार को टूट गया। उन्होंने कार्य बहिष्कार करते हुए इविवि परिसर में पदयात्रा निकाली। साथ ही सभी विभागाध्यक्षों से मिले। इससे कक्षाएं भी बाधित हुईं।

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नियुक्ति के बाद से नहीं मिला मानदेय, बढ़ा दिया गया कार्यकाल

दरअसल, शैक्षणिक सत्र 2019-20 के लिए इविवि के अलावा संघटक महाविद्यालयों में अलग-अलग विभागों में 300 से अधिक अतिथि प्रवक्ताओं की नियुक्ति हुई है। इनके लिए प्रति लेक्चर 15 सौ रुपये और महीने का अधिकतम मानदेय 50 हजार रुपये तय किया गया है। अतिथि प्रवक्ताओं ने बताया कि नियुक्ति से अब तक मानदेय का भुगतान नहीं हुआ, जबकि उनका कार्यकाल जनवरी से अप्रैल तक बढ़ा दिया गया है। कई बार शिक्षकों ने मानदेय की मांग भी कि लेकिन उन्हें आश्वासन मिलता रहा।

अतिथि प्रवक्‍ताओं ने नारेबाजी कर परिसर में पदयात्रा निकाली

मंगलवार को अतिथि प्रवक्‍ताओं की सब्र का बांध टूट गया। नारेबाजी करते हुए परिसर में पदयात्रा निकालकर सभी विभागध्यक्षों से मिले। वह इलाहाबाद विश्वविद्यालय शिक्षक संघ (आटा) के अध्यक्ष प्रोफेसर राम सेवक दुबे से भी मिले। अतिथि प्रवक्ताओं का कहना है जब तक उन्हें मानदेय नहीं मिलता वह क्लास नहीं लेंगे। इसके बाद वह विज्ञान संकाय भी पहुंचे। अंत में कुलपति कार्यालय पहुंचकर बकाए की मांग की।  

सितंबर में यूजीसी ने बताया कि अतिथि प्रवक्ताओं के मानदेय का भुगतान रिकङ्क्षरग हेड से किया जाए। रिकङ्क्षरग हेड में ग्रांट नहीं है। अब तक छह बार यूजीसी को पत्र लिखकर मानदेय भुगतान के लिए 15 करोड़ 80 लाख रुपये की मांग की गई है। रजिस्ट्रार ने भी मंगलवार को पत्र लिखा है। जल्द ही मानदेय का भुगतान कर दिया जाएगा।

- डॉ. सुनील कांत मिश्र, वित्त अधिकारी, इविवि।


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