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Lockdown में हर कोई है आर्थिक संकट में, कैसे जमा करें बच्‍चों की स्‍कूल फीस Prayagraj News

कोरोना वायरस के प्रकोप को खत्‍म करने के लिए लॉकडाउन है। ऐसे में अभिभावक इसलिए परेशान हैं कि वह बच्‍चों की फीस कैसे जमा करें क्‍योंकि आर्थिक संकट उनके समक्ष है।

By Brijesh SrivastavaEdited By: Published: Fri, 17 Apr 2020 02:25 PM (IST)Updated: Fri, 17 Apr 2020 06:09 PM (IST)
Lockdown में हर कोई है आर्थिक संकट में, कैसे जमा करें बच्‍चों की स्‍कूल फीस Prayagraj News
Lockdown में हर कोई है आर्थिक संकट में, कैसे जमा करें बच्‍चों की स्‍कूल फीस Prayagraj News

प्रयागराज, जेएनएन। लॉकडाउन में उद्योग धंधे, कल-कारखाने, होटल, रेस्टोरेंट एवं हर तरह के व्यापारिक प्रतिष्ठान बंद हैं। इससे नौकरी पेशा छोड़कर हर तबका परेशान है। ज्यादातर लोग आॢथक संकट के दौर से गुजर रहे हैं। उनके सामने परिवार का खर्च चलाने की मुश्किलें आ रही हैं। इन विषम परिस्थितियों में कान्वेंट स्कूलों की भारी-भरकम फीस देना पहाड़ चढऩे के समान हैं। इसलिए तीन महीने की फीस माफ होने से लोगों को बड़ी राहत मिलेगी। क्योंकि लॉकडाउन खुलने के बाद तुरंत रोजगार का गति पकडऩा संभव नहीं है।

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अभिभावक की यह है परेशानी

मेरा कारोबार है लेकिन लॉकडाउन से रोजी-रोजगार बंद है। किसी तरह घर का खर्च चलाया जा रहा है। दो बच्चे कान्वेंट स्कूल में पढ़ रहे हैं। स्कूल खुलने पर फीस को लेकर अभी से ङ्क्षचता होने लगी है। जब स्कूल बंद हैं तो फीस माफ होनी चाहिए। 

धर्मेंद्र, अल्लापुर।

मेरे दो बच्चे कांवेंट स्कूल में पढ़ रहे हैं, एक बच्चे की तिमाही फीस 10 हजार रुपये लगती है। लॉकडाउन में काम ठप है। कर्मियों को वेतन देना है। स्कूलों में पढ़ाई भी बंद है तो जून तक फीस माफ की जानी चाहिए, जिससे राहत मिल सके।

अंशू पुरवार, मालवीय नगर।

दो बच्चे कांवेंट स्कूल में पढ़ रहे हैं लेकिन काम-धंधा ठप होने से घर का खर्च चलाना मुश्किल हो गया है। वाराणसी, नोएडा और गाजियाबाद की तरह यहां भी तीन महीने की फीस माफ होनी चाहिए। इसके लिए प्रशासन को भी पहल करनी चाहिए।

पुनीत केसरवानी, कटरा।

मेरी दो बेटियां कांवेंट स्कूलों में पढ़ती हैं। दोनों की हर महीने की फीस हजारों रुपये हो जाती है। इस वक्त जब किसी का कोई रोजगार नहीं चल रहा है तो तीन महीने की फीस स्कूलों को माफ करना चाहिए। इसके लिए शासन को आदेश जारी करना चाहिए।

काजमीन जहां, करेली।


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