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जीएसटी पोर्टल की क्षमता बढ़ी, एक घंटे में भरे जा सकेंगे तीन लाख रिटर्न

अब जीएसटी पोर्टल की क्षमता दोगुना कर दी गई है। इसे एक घंटे में तीन लाख रिटर्न दाखिल हो सकेगा।

By JagranEdited By: Published: Sun, 09 Aug 2020 07:29 PM (IST)Updated: Sun, 09 Aug 2020 07:29 PM (IST)
जीएसटी पोर्टल की क्षमता बढ़ी, एक घंटे में भरे जा सकेंगे तीन लाख रिटर्न
जीएसटी पोर्टल की क्षमता बढ़ी, एक घंटे में भरे जा सकेंगे तीन लाख रिटर्न

जागरण संवाददाता, प्रयागराज: वस्तु एवं सेवाकर (जीएसटी) के लागू होने के बाद से रिटर्न दाखिल करने में पोर्टल अक्सर बड़ी बाधा बनता था। इससे बहुत से व्यापारी समय से रिटर्न दाखिल करने से वंचित रह जाते थे। अब जीएसटी पोर्टल की क्षमता बढ़ाकर दोगुना कर दी गई है। जिससे एक घंटे में तीन लाख रिटर्न दाखिल हो सकेगा। इससे व्यापारियों को रिटर्न भरने में कुछ हद तक सहूलियत मिलने की उम्मीद है।

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देश भर में जीएसटी में पंजीकृत व्यापारियों की संख्या करीब 1.30 करोड़ और प्रयागराज जोन में लगभग 75 हजार हैं। इसमें स्टेट जीएसटी में लगभग 45 और सेंट्रल जीएसटी में 30 हजार व्यापारी शामिल हैं। व्यापारियों को महीने में जीएसटीआर-3 बी, तिमाही जीएसटीआर-1 और सालाना जीएसटीआर-9 रिटर्न दाखिल करना होता है। मासिक रिटर्न भरने की आखिरी तिथि 20 और तिमाही रिटर्न की अंतिम तिथि 30 निर्धारित है। पहले जीएसटी पोर्टल की क्षमता एक घंटे में डेढ़ लाख रिटर्न दाखिल करने की होने से आखिरी दिनों में वह अक्सर जवाब दे जाता था। कभी सर्वर डाउन होने तो कभी अन्य कारणों से बहुत से व्यापारी तय समय में रिटर्न नहीं भर पाते थे। इसलिए व्यापारिक संगठन पोर्टल की क्षमता बढ़ाने की मांग बहुत समय से सरकार और जीएसटी काउंसिल से कर रहे थे। उनकी मांग अब पूरी हुई। 31 दिसंबर तक खत्म की जाए लेट फीस की व्यवस्था

तय तिथि में रिटर्न न दाखिल कर पाने पर व्यापारियों को 50 रुपये प्रतिदिन के हिसाब से लेट फीस जमा करना पड़ता है। मौजूदा समय में मई, जून महीनों के रिटर्न भरने पर लेट फीस ली जा रही है। कोरोना के बढ़ते संक्रमण के मद्देनजर व्यापारियों ने 31 दिसंबर तक लेट फीस की व्यवस्था खत्म करने की मांग सरकार से की है। बयान--

पोर्टल की क्षमता बढ़ने से व्यापारियों को रिटर्न भरने में कुछ हद तक सहूलियत मिलेगी। कोरोना के बढ़ने के कारण कभी बाजार तो कभी बैंक बंद हो जाता है। व्यापारी भी क्वारंटाइन हो जाते हैं। ऐसे में 31 दिसंबर तक लेट फीस की व्यवस्था समाप्त कर देनी चाहिए।

महेंद्र गोयल, प्रदेश अध्यक्ष कैट


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