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विलंब से रिटर्न दाखिल : GST विभाग 78 हजार कारोबारियों को रिमाइंडर भेजेगा Prayagraj News

जीएसटी लागू होने के बाद विलंब से 3-बी रिटर्न दाखिल करने वाले कारोबारियों से ब्याज वसूली की कार्रवाई की जा रही है। इन व्यापारियों पर 75 करोड़ रुपये ब्याज का निर्धारण हुआ है।

By Brijesh SrivastavaEdited By: Published: Tue, 10 Mar 2020 03:05 PM (IST)Updated: Tue, 10 Mar 2020 06:43 PM (IST)
विलंब से रिटर्न दाखिल : GST विभाग 78 हजार कारोबारियों को रिमाइंडर भेजेगा Prayagraj News
विलंब से रिटर्न दाखिल : GST विभाग 78 हजार कारोबारियों को रिमाइंडर भेजेगा Prayagraj News

प्रयागराज, जेएनएन। वस्तु एवं सेवाकर (जीएसटी) के तहत विलंब से रिटर्न (3-बी) दाखिल करने वाले करीब 78 हजार व्यापारियों को रिमाइंडर भेजने की तैयारी है। सीजीएसटी विभाग ने इन व्यापारियों से ब्याज वसूलने के लिए नोटिस जारी किया था। हालांकि ज्यादातर व्यापारियों द्वारा नोटिस का जवाब न देने और ब्याज न अदा करने पर अब रिमाइंडर भेजा जाएगा।

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फिर भी ब्याज का भुगतान नहीं किया तो जुर्माना वसूला जाएगा

व्यापारियों को हर महीने की 20 तारीख तक 3-बी रिटर्न फाइल करना होता है। वहीं विभाग ने इलाहाबाद (प्रयागराज) परिक्षेत्र के 12 जिलों में ऐसे 78 हजार व्यापारियों को पिछले महीने चिह्नित किया था, जिन्होंने समय से 3-बी रिटर्न फाइल नहीं किया। विभाग ने जीएसटी लागू होने के बाद से अब तक ऐसे व्यापारियों का वर्षवार डाटा तैयार किया तो इन व्यापारियों पर 75 करोड़ रुपये ब्याज का निर्धारण हुआ। ऐसे व्यापारियों को ब्याज भुगतान के लिए नोटिस जारी किया गया लेकिन ज्यादातर व्यापारियों ने न नोटिस का जवाब दिया और न ही ब्याज अदा किया। लिहाजा, विभाग अब व्यापारियों को रिमाइंडर भेजने की तैयारी में है। अफसरों का कहना है कि रिमाइंडर भेजने के बाद भी व्यापारी अगर ब्याज का भुगतान नहीं करते हैं तो जीएसटी अधिनियम की धारा 50 (1) के तहत में 18 फीसद जुर्माना वसूला जाएगा।

बोले कैट के प्रदेश अध्‍यक्ष

कैट के प्रदेश अध्यक्ष महेंद्र गोयल का कहना है कि अक्सर पोर्टल की गड़बड़ी के कारण समय से रिटर्न दाखिल करने में दिक्कत आती है। अगर सरकार को ब्याज लेना था तो पहले से निर्देश जारी किए गए होते। अब चार-पांच लाख रुपये का नोटिस भेजा गया है तो व्यापारी कहां से जमा कर पाएगा।

किस वर्ष कितने व्यापारियों ने विलंब से दाखिल किया रिटर्न

-2017-18 में 25 हजार व्यापारी

-2018-19 में 28 हजार कारोबारी

-2019-20 में 25 हजार व्यापारी

वर्षवार ब्याज की रकम (करोड़ में)

-2017-18 में 25

-2018-19 में 38

-2019-20 में 12 करोड़।


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