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बुढ़ापे की लाठी बनी नातिन ने नानी को दी मुखाग्नि Prayagraj News

108 वर्ष की कमला देवी का निधन होने पर रिश्तेदार जुटे। बुधवार को जब रसूलाबाद घाट पर कमला देवी का अंतिम संस्कार होने लगा तो पूनम ने ही नानी को मुखाग्नि दी।

By Brijesh SrivastavaEdited By: Published: Thu, 30 Jan 2020 08:00 AM (IST)Updated: Thu, 30 Jan 2020 08:00 AM (IST)
बुढ़ापे की लाठी बनी नातिन ने नानी को दी मुखाग्नि Prayagraj News
बुढ़ापे की लाठी बनी नातिन ने नानी को दी मुखाग्नि Prayagraj News

प्रयागराज,जेएनएन। बेटी बुढ़ापे में मां-बाप का सहारा बनी। उनके निधन के बाद बेटी ने मुखाग्नि दी। उनका क्रिया-कर्म किया। समाज में ऐसी कई नजीर मिल जाएंगे, लेकिन बेटी की बेटी यानि नातिन बुढ़ापे में नानी की 'लाठीÓ बनी। नानी के गुजर जाने पर उसने मुखाग्नि दी, ऐसी बात विरले सुनाई देती है। बुधवार को रसूलाबाद घाट पर ऐसा ही नजारा दिखाई दिया। पूनम कुशवाहा ने अपनी नानी कमला देवी (108) को मुखाग्नि देकर समाज को एक नया संदेश दिया।

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नानी के साथ रहती हैं पूनम

मालवीय नगर में सत्ती चौरा के पास रहने वाली पूनम कुशवाहा के सिर से 2004 में पिता ज्ञान चंद्र कुशवाहा का साया उठ गया। मां सरोज कुशवाहा ने इकलौती बेटी पूनम को किसी तरफ स्नातक (बीए) कराया। वर्ष 2003 में उन्होंने बेटी के हाथ पीले किए। पूनम की शादी शहर के मुट्ठीगंज मोहल्ले में रहने वाले रत्न तिवारी से हुई। शादी के दो महीने के बाद ही पूनम की मां का भी निधन हो गया। पूनम की नानी कमला देवी उनकी मां के साथ रहती थीं। उनके अकेले पड़ जाने पर पूनम ससुराल से आकर नानी के साथ ही रहने लगी। ससुराल वालों को यह बात नागवार गुजरी, पति ने तलाक दे दिया। मगर पूनम ने नानी को अकेले नहीं छोड़ा। जीवन यापन के लिए रानीमंडी इलाके में एक ब्यूटी पार्लर खोल लिया। बुढ़ापे में नानी का सहारा बनी रही। 17 साल उनकी सेवा की। मंगलवार शाम पांच बजे पूनम की नानी गहरी नींद में सोईं तो फिर नहीं उठीं।

108 वर्ष की उम्र हुआ नानी का निधन

108 वर्ष की कमला देवी का निधन होने पर रिश्तेदार जुटे। बुधवार को जब रसूलाबाद घाट पर कमला देवी का अंतिम संस्कार होने लगा तो पूनम ने ही नानी को मुखाग्नि दी। गंगा घाट पर मौजूद लोग पूनम के साहस की प्रशंसा करते रहे। शहर में भी यह वाकया चर्चा का विषय बना रहा। पूनम बताती हैं कि मां-बाप के निधन के बाद नानी ही उनके लिए सब कुछ थीं। उन्होंने नानी को कभी अकेले नहीं छोड़ा। नानी का निधन होने के बाद आज वह अकेली हो गईं।


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