Lockdown में गरीबों की फिक्र का सरकार के खजाने से निकला हल Prayagraj News
57240 श्रमिकों को पांच करोड़ 73 लाख रुपये उनके खाते में भेजे गए। इसी तरह गांवों में जिनके पास भरण पोषण की समस्या थी ऐसे 44732 लोगों को साढ़े चार करोड़ रुपये खाते में भेजे गए।
प्रयागराज,जेएनएन। कोरोना संकट में जरूरतमंदों के लिए सरकार ने खजाना खोल दिया है। लॉकडाउन में दिहाड़ी मजदूरों से काम छिना तो ठेला-खोमचा और अन्य छोटे कारोबारियों का रोजगार बंद हो गया, ऐसे में सरकार आगे आई और सभी के लिए योजनाएं शुरू करा दी गईं। इसके चलते ही जरूरतमंदों ने राहत की सांस ली। जिन्हें अभी तक किसी योजना का लाभ नहीं मिल सका है वे हलकान हैैं।
पंजीकृत 57240 श्रमिकों को पांच करोड़ 73 लाख रुपये खाते में भेजे
सरकार की ओर से सबसे बड़ी योजना एक-एक हजार रुपये देने की है। श्रम विभाग की ओर से पंजीकृत 57240 श्रमिकों को पांच करोड़ 73 लाख रुपये उनके खाते में भेजे गए। इसी तरह गांवों में जिनके पास भरण पोषण की समस्या थी, ऐसे 44732 लोगों को साढ़े चार करोड़ रुपये खाते में भेजे गए। नगर निकायों में पंजीकृत दैनिक मजदूरों व ठेला-खोमचे, चाय आदि की दुकान लगाने वाले 42032 लोगों को सवा चार करोड़ रुपये ज्यादा उनके खाते में भेजा गया। लगभग डेढ़ लाख बुजुर्गों को वृद्धावस्था पेंशन के रूप में 15 करोड़ रुपये दिए गए। इसी तरह 76 हजार निराश्रित महिलाओं को साढ़े सात करोड़ रुपये खाते में भेजे गए। सरकार ने 25 हजार से ज्यादा दिव्यांगजनों तथा 322 कुष्ठ रोगियों को पौने तीन करोड़ रुपये दिए गए। एक लाख से ज्यादा कार्डधारकों को मुफ्त में चावल दिया गया। प्रधानमंत्री किसान सम्मान निधि योजना के तहत 48 हजार से ज्यादा किसानों को 96 करोड़ रुपये उनके खाते में भेजे गए।
आठ लाख महिलाओं को जनधन योजना के तहत खाते में भेजी गई रकम
आठ लाख महिलाओं को जनधन योजना के तहत पैसे खाते में भेजे गए। गांवों में 40 लाख मानव दिवस सृजन कर 71 लाख रुपये मनरेगा मजदूरों को दिया गया। कंपनियों में कार्यरत कर्मचारियों को वेतन दिलाया गया। जिला प्रशासन तथा 70 सामाजिक संगठनों की ओर से संचालित कम्युनिटी किचन से 18-19 हजार लोगों को भोजन के पैकेट वितरित किए जा रहे हैैं। इसके अलावा प्रशासन व सामाजिक संगठनों की ओर से चार लाख से ज्यादा लोगों को राशन के पैकेट वितरित किए गए। शहर में फल, सब्जी, राशन व अन्य सामग्री की होम डिलीवरी के लिए मोबाइल वैन, ई-रिक्शा, टैक्टर, ठेला, हाथ गाड़ी के पास निर्गत किए गए। साथ ही दुकानों की सूची जारी कराई गई, जिससे लोगों को रोजगार मिल सका।