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अलविदा 2020 : पहली दफा जेब में आया क्लासरूम

जागरण संवाददाता प्रयागराज अलविदा 2020..। इतिहास में खुद को दर्ज कराते हुए यह वर्ष अब अपने आखिरी पड़ाव पर है।

By JagranEdited By: Published: Tue, 29 Dec 2020 09:45 PM (IST)Updated: Tue, 29 Dec 2020 09:45 PM (IST)
अलविदा 2020 : पहली दफा जेब में आया क्लासरूम
अलविदा 2020 : पहली दफा जेब में आया क्लासरूम

जागरण संवाददाता, प्रयागराज : अलविदा 2020..। इतिहास में खुद को दर्ज कराते हुए यह वर्ष अब अपने आखिरी पड़ाव पर है। 2020 ने इंसान के जीने की राह में बेशुमार मुश्किलें खड़ी कीं। चीन के बुहान से फैले कोरोना वायरस संक्रमण के चलते अर्थव्यवस्थाएं फेल हो गई, रोजगार छिने। सालभर भारत में बाढ़, तूफान और भूकंप के झटके डराते रहे। पड़ोसी मुल्क से सीमा पर खूनी झड़प हुई। फिर भी धर्म-अध्यात्म की नगरी प्रयागराज ने प्राथमिक से लेकर उच्च एवं तकनीकी शिक्षा के क्षेत्र में नए आयाम गढ़ने में कोई कसर नहीं छोड़ी। सब काम घर से ऑनलाइन हुए। यहां तक कि इतिहास में पहली दफा क्लासरूम को भी जेब में कर लिया। सालभर इविवि में मची रही उठापटक

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अब यदि पूरब के ऑक्सफोर्ड कहे जाने वाले इलाहाबाद केंद्रीय विश्वविद्यालय (इविवि) की बात करें तो यहां कक्षाएं जेब में आ गई। वह भी शिक्षकों के अध्यापन कार्य के प्रति जज्बे के बूते। हालांकि, सालभर उठापटक जरूर मची रही। इविवि के इतिहास में ऐसा पहली बार हुआ कि कुलपति की कुर्सी ने पांच चेहरे सालभर में देखे। प्रो. रतन लाल हांगलू के इस्तीफे के बाद बतौर कार्यवाहक कुलपति प्रो. केएस मिश्र, प्रो. पीके साहू और प्रो. आरआर तिवारी ने कुलपति का जिम्मा संभाला। मंत्रालय की फटकार और तमाम आरोप-प्रत्यारोप के दौर के बीच साल के आखिरी में स्थायी कुलपति मिला। यह जिम्मा प्रो. संगीता श्रीवास्तव के हाथ लगा। इसके बाद प्रशासनिक फेरबदल भी हुए। पहली बार प्रवेश भवन भी सूना रहा। मुविवि और राविवि भी हो गए ऑनलाइन

उत्तर प्रदेश राजर्षि टंडन मुक्त विश्वविद्यालय ने कुलपति प्रो. कामेश्वर नाथ सिंह के निर्देशन में सफलता के नए झंडे गाड़े। हालांकि, विवादों से यह विवि कोसों दूर रहा। जबकि, प्रोफेसर राजेंद्र सिंह (रज्जू) भइया राज्य विवि पर शिक्षक भर्ती में धांधली के छींटे पड़े। इस साल इस विवि को नया भवन तो मिला ही कुछ नए शिक्षक भी मिले और पहली बार प्रॉक्टोरियल बोर्ड का गठन भी हुआ। एमएनएनआइटी और ट्रिपलआइटी ने पेश की नजीर

भारतीय सूचना प्रौद्योगिकी संस्थान (ट्रिपलआइटी) में निदेशक प्रो. पी नागभूषण ने ऑनलाइन मोड में दीक्षा समारोह का आयोजन कर देश के सामने नई नजीर पेश की। यह साबित कर दिया कि महामारी शिक्षा व्यवस्था को चोट नहीं पहुंचा सकतीं। वहीं, मोतीलाल नेहरू राष्ट्रीय प्रौद्योगिकी संस्थान (एमएनएनआइटी) के निदेशक प्रो. राजीव त्रिपाठी के निर्देशन में संस्थान कोरोना को मात देने का भरपूर प्रयास करता रहा। यही वजह है कि संस्थान ने दर्जनों उपकरण तैयार कर डाले। सबसे बड़ी बात तो देशभर के तकनीकी संस्थानों में प्रवेश की ऑनलाइन प्रक्रिया पूरी कर नया इतिहास रच दिया। इसके अलावा दोनों संस्थानों ने अपने टेक्नोक्रेट्स को उस दौर में मोटे पैकेज पर नौकरी दी, जब लोगों की नौकरी छिन रही थी।


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